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Ghulam Nabi Azad: गुलाम नबी आजाद ने आखिर क्यों दिया कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा, पढ़े पूरी खबर

Ghulam Nabi Azad Resigned From Congress Party:  सोनिया गांधी को भेजे गए 5 पन्ने के इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा,” बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से अपना आधे सदी से जुड़े हुआ पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया हैं”।

गुलाब नबी आजाद कांग्रेस पार्टी से लंबे वक्त से नाराज थे लेकिन उनकी नाराजगी तब सामने आयी जब उन्हें अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने कुछ घंटों बाद ही स्वास्थ्य कारणों को वजह बताते हुए अपने प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

कांग्रेस पार्टी से कई दिग्गज नेता अब तक इस्तीफा दे चुके है जिनमें कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयवीर शेरगिल, जितिन प्रसाद, सुनील जाखड़, कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल है।

इसलिए दिया पार्टी से इस्तीफा

Ghulam Nabi Azad Resigned From Congress Party

गुलाम नबी आजाद उस जी-23 समूह का भी हिस्सा थे जिसमें पार्टी के हितों को लेकर चर्चाएँ होती है। जब कांग्रेस पार्टी साल 2019 में लोकसभा का चुनाव हार गयी थी, तो जी-23 नेताओं के समूह के साथ मिलकर गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ सार्वजनिक रूप से चिट्ठी लिखकर अगस्त 2020 में नाराजगी जाहिर की थी। और  पार्टी में कई बड़े बदलाव के तौर पर कांग्रेस की कार्यशैली में बदलाव की मांग की थी।  

लेकिन इन दो सालों में कुछ ठोस बदलाव न होने और नेतृत्व को लेकर जारी उटापटक के कारण गुलाम नबी आजाद के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने कांग्रेस पार्टी के खास तौर पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस से सारे नाते तोड़ लिया है। 

गुलाम नबी आजाद ने अपने राजनीति कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी के तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है।

5 पन्ने के इस्तीफे में लिखी नाराजगी

अपनी इसी नाराजगी को उन्होंने अब खुल कर सामने ला दिया है और 5 पन्ने के इस्तीफे में जाहिर किया है। उन्होंने लिखा कि पार्टी के शीर्ष पर एक ऐसा आदमी  को रखा गया जो गंभीर नहीं है।

पार्टी के बड़े  और सभी अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है उनका गुस्सा यहां तक बढ़ गया की उन्होंने यहां तक लिख दिया कि पार्टी के अहम फ़ैसले राहुल गांधी के सिक्योरिटी गार्ड और पीए ले रहे हैं।

उनकी नाराजगी से ये साफ जाहिर होता है की वे कांग्रेस पार्टी के हश्र के लिए राहुल गांधी को पूरी तरह से जिम्मेदार मान रहे हैं।

उन्होंने कई बार इंटरव्यू में इशारों-इशारों में राहुल गांधी की कार्यशैली पर सवाल भी उठाए थे और कहा था की नई पीढ़ी मौजूदा पीढ़ी के सुझावों पर ध्यान नहीं देती। 

राजनीतिक कार्यकाल

Ghulam Nabi Azad

गुलाम नबी आजाद 1970 के दशक में कांग्रेस से जुड़े हुए थे ओर 1975 में जम्मू कश्मीर के यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे, और 1980 में उनको यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।

महाराष्ट्र के वाशिम से साल1980 में वे लोकसभा का पहला चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था।

महारष्ट्र की राज्यसभा में सांसद के रुप में भी 1990-1996 तक रहे।

2005 में जम्मू कशमीर के सीएम भी बने।

मनमोहन की सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे।

गुलाम नबी आजाद को इस साल पद्म भूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया है।

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