वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश किया है। जिसमें शिक्षा, नौकरी और अन्य क्षेत्रों के लिए कई घोषणाएं हैं। निर्मला सीतारमण ने शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में बात करते हुए भारत में Digital University बनाने की भी घोषणा की है जिसको लेकर सभी के मन में कई सवाल हैं। जैसे कि Digital University क्या है और भारत में यह यूनिवर्सिटी कैसे बनेगी।
आइए विस्तार से जानते हैं कि भारत में Digital University बनाने के पीछे सरकार का क्या उद्देशय है।
क्या है Digital University और कैसे काम करेगी:
भारत में बढ़ते डिजिटल मार्केट को देखते हुए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया है जो छात्रों को डिजिटल तरीकों से सीखने में सक्षम बनाएगी। जिसमें डिजिटल तरीके से छात्रों को पढाया जागाए ताकि उनकी प्रारभिंक शिक्षा का नुकसान ना हो। इस उद्देश्य के लिए पीएम ई-विद्या के टीवी चैनल कार्यक्रम को 12 से 400 टीवी चैनलों तक विस्तारित किया जाएगा,” ताकि घर बैठे छात्र डिजिटल चीजों को समक्ष पाएं।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि Digital University को ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर बनाया जाएगा। “विश्वविद्यालय हमारे नेटवर्क हब और स्पोक मॉडल पर हब बिल्डिंग आईसीटी विशेषज्ञता के साथ बनाया जाएगा,”
इस University के कोर्स में विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सभी राज्य कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में भी डिजिटल चीजों को समक्ष पायेगें।
क्यों बनाई जा रही है Digital University?
सीतारमण के अनुसार, देश में बच्चे कोविड -19 के कारण स्कूलों में नहीं जा पाए हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों के बच्चे कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने से लगभग दो साल से ठीक से नहीं पढ़ पाए हैं।
आगे ऐसी कोई भी परेशानी के कारण बचचों की शिक्षा पर असर ना पढ़े इसलिए Digital University को बड़े स्तर पर बनाने की आवश्यकता है।