भारतीय भुगतान निगम ने UPI users के लिए एक सर्कुलर जारी कीयअ है जिसमे सलाह दी गई है की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर होने वाले मर्चेन्ट लेनदेन पर प्रीपैड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) शुल्क लागू किया जाएगा। NPCI ने रिलीज की जारी कर इस बात को साफ करदिया है कि आम ग्राहकों के लिए उनके account to account लेनदेन करने पर उनके लिए UPI मुफ़्त रहेगा।
2000 से अधिक के निवेश पर लगेगा शुल्क
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने Prepaid payment Instrument (PPIs) के माध्यम से किए गए 2,000 रुपये से अधिक के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन पर शुल्क की सिफारिश की है। कहा जाता है कि इस कदम का उद्देश्य बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं के लिए राजस्व बढ़ाना है, जो कथित तौर पर यूपीआई लेनदेन की उच्च लागत से जूझ रहे हैं।
0.5% से 1.1% तक चुकाना होगा शुल्क
शुल्क 1 अप्रैल से लिया जाएगा और इंटरचेंज मूल्य निर्धारण की समीक्षा 30 सितंबर, 2023 तक की जाएगी। राशि के लिए यूपीआई पर पीपीआई का उपयोग करने से लेनदेन मूल्य का 1.1 प्रतिशत शुल्क के रूप में देना पड़ेगा। इंटरचेंज शुल्क आमतौर पर कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है और लेनदेन को स्वीकार करने, संसाधित करने और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है।
इन चीजों पर देना होगा चार्ज
ईंधन के लिए इन्टर्चेन्ज 0.5%, दूरसंचार, उपयोगिताओं/डाकघर, शिक्षा, कृषि, सुपरमार्केट और म्यूचुअल फंड, सरकार के लिए शुल्क 0.7% होगा। बीमा और रेलवे के लिए शुल्क 1% होगा। बैंक खाते और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (पी2पीएम) Transfer के लिए इन्टर्चेन्ज की जरूरत है।
और पीपीआई जारीकर्ता वॉलेट-लोडिंग सेवा शुल्क के रूप में प्रेषक बैंक को लगभग 15 आधार अंक का भुगतान करेगा।
पिछले कुछ महीनों से सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों में कहा गया था कि UPI सबके लिए मुफ़्त बना रहेगा। UPI भुगतान भारत में डिजिटल रूप से पैसे ट्रांसफर करने का एक तरीका है। अगर सरकार यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाती है, तो इससे भारत के डिजिटल प्लेटफॉर्मस पर विपरीत असर पड़ सकता है।
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एनपीसीआई ने नोटिस जारी कर कहा- UPI free,Fast और Safe बना रहेगा
1st अप्रैल से यूपीआई ट्रांजैक्शन में नए चार्ज जोड़े जाने लगे। लेकिन एनपीसीआई ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि यूपीआई अब भी फ्री, फास्ट, सिक्योर और सीमलेस रहेगा। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों के लिए हर महीने 8 अरब रुपये से अधिक का लेनदेन बिना किसी शुल्क के किया जाता है। पीपीआई शुल्क अभी भी ग्राहकों और व्यापारियों के बीच भुगतान पर लगाया जाएगा।
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