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अपनी कार से एक्सीडेंट में घायल हुए व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाकर दी परिवार को सूचना, अब उसे ही बता रहे हैं भगौड़ा 

जब व्यक्ति को कहीं न्याय नहीं मिलता है, तो अंत में व्यक्ति अखबार के दफ्तर में जाता है। ताकि अपने साथ हुए अन्याय को दुनिया के सामने ला सके, लेकिन वर्तमान में देखने में आ रहा है कि अखबार बिना पड़ताल किए किसी भी खबर को प्रकाशित कर देते हैं। ऐसा ही एक मामला कुछ पिछले दो दिनों से देखने को मिल रहा है। जहां अपनी कार से दुर्घटनाग्रस्त हुए एक व्यक्ति को अस्पताल में एडमिट करवाना एक युवक को भारी पड़ गया।

युवक ने अपनी कार से दुर्घटनाग्रस्त हुए व्यक्ति को न केवल अस्पताल में भर्ती करवाया, बल्कि उसके परिवार को सूचना देकर अस्पताल भी बुलवाया। परिवार के अस्पताल पहुंचने के बाद उसने पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराते हुए माफी भी मांगी। लेकिन अब दुर्घटना में घायल व्यक्ति के देहांत के बाद उनके परिजन युवक को भगौड़ा अपराधी बता रहे हैं।

यह है मामला : 
एक निजी कंपनी में काम करने वाले 34 वर्षीय प्रकाश श्रीवास्तव 29 जून को दोपहर 1 बजे एकांत पार्क के सामने से होते हुए अपने कार्यालय जा रहे थे। इसी दौरान अपनी मोपेड से उसी सड़क से गुजर रहे 50 वर्षीय सूर्यकांत तिवारी और प्रकाश की कार में टक्कर हो गई। जिसमें सूर्यकांत तिवारी गंभीर रूप से घायल हो गए। तिवारी को गंभीर रूप से घायल देख प्रकाश उन्हें तुरंत ही नर्मदा अस्पताल (Narmada Hospital Bhopal) ले गए और उनके परिजनों को फोन पर उनके घायल होने की सूचना दी।

जिसके बाद श्री तिवारी के परिजन अस्पताल पहुंचे। प्रकाश के अनुसार उन्होंने उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए माफी भी मांगी और हर संभव मदद करने की बात कही, लेकिन घायल व्यक्ति के निधन के बाद उनके परिजन गलत खबरें छपवाकर उनको और उनके परिवार वालों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

इस तरह तो लोग घायल की मदद करना छोड़ देंगे : 
पूरे घटनाक्रम पर श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने आज तक किसी को एक तमाचा तक नहीं मारा है। किसी व्यक्ति को उनकी कार से चोट लगी है, जिसका दुख उन्हें आजीवन रहेगा, लेकिन उन्होंने एक्सीडेंट जानबूझकर नहीं किया। बल्कि श्री तिवारी खुद को किसी दूसरे वाहन से बचाने के दौरान मेरे वाहन से आकर टकरा गए। एक्सीडेंट के दौरान श्री तिवारी के पास हेलमेट तो था, लेकिन वे उसे लगाए हुए नहीं थे।

वहीं सर पर चोट भी किसी अन्य कारण से लगी है। इसके बावजूद मैं उन्हें अस्पताल ले गया और परिजनों को सूचना दी। उनसे माफी मांगी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद भी उन्होंने मुझ पर एफआईआर दर्ज करवा दी, मैंने हबीबगंज थाने (Habibganj Police Station) से अपनी जमानत भी करवाई है। उसके बाद भी मैं उनसे सहानुभूति रखता हूं। 

3 जून को श्री तिवारी का निधन हो गया। जिसका मुझे बहुत अफसोस है, लेकिन उसके बाद से अखबार में मुझे हिट एंड रन का दोषी बताते हुए भगौड़ा बताया जा रहा है, जिसके कारण मैं और मेरा परिवार दुखी हो रहे हैं और मानसिक तनाव में हैं। कोर्ट जो फैसला करेगी वाे मुझे स्वीकार होगा, लेकिन इस तरह से भ्रामक खबरें छापकर मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है। 

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