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भोपाल में तीन सिपाहियों ने एसपी साहब के साथ ही कर दी मारपीट, दबंगई करते हुए तीनों बोले हम भी हैं पुलिसवाले  

राजधानी भोपाल में पुलिस के तीन सिपाहियों द्वारा एसपी को पत्नी और बच्चों के सामने पीटने का मामला सामने आया है। सिपाहियों द्वारा किसी वरिष्ठ अधिकारी के साथ मारपीट करने का संभवत: यह भोपाल का पहला मामला है। मारपीट की यह घटना डिपो चौराहे स्थित देसी कलारी के सामने हुई।

विभागीय सूत्रों के अनुसार बेरिकेड से अपनी गाड़ी पहले निकालने के कारण सिपाहियों की वरिष्ठ अधिकारी से बहस हुई, जाे बाद में मारपीट में तब्दील हो गई।
 
यह है मामला : 
जानकारी के अनुसार एसपी बीएम शाक्य अपनी सरकारी कार में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ डिपो चौराहे से गुजर रहे थे। इसी दौरान सड़क पर बेरिकेड लगे देख वे उसे हटाने कार से उतरे और बेरिकेड हटाकर जैसे ही वे कार में बैठ रहे थे। वहां से बलेनो कार में गुजर रहे पुलिस के तीन जवानों ने जल्दबाजी में कार शाक्य के पैर के ऊपर से निकाल दी।


इसको लेकर शाक्य ने सिपाहियों से कड़ी नाराजगी व्यक्त कर दी। इस पर दोनों पक्षों में जमकर बहस हो गई और देखते ही देखते तीनों सिपाही शाक्य के साथ मारपीट करने लगे। इतना ही नहीं एक सिपाही ने तो शाक्य की उंगली ही चबा डाली। बाद में शाक्य ने टीटी नगर थाने पहुंचकर तीनों सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। 

कार के नंबर से पकड़े गए आरोपी : 
एसपी बीएम शाक्य ने इस दौरान आरोपियों की कार का नंबर देख लिया था। जो 25वीं बटालियन में पदस्थ जवान विनोद पाराशर के नाम पर रजिस्टर्ड है। घटना के समय गाड़ी में विनोद पाराशर के अलावा नेहरू नगर पुलिस लाइन में पदस्थ सिपाही अनिल जाट और भोपाल ट्रैफिक थाने में पदस्थ अवधेश जाट भी थे।

बाद में तीनों सिपाहियों के जब पता चला कि शाक्य वाकई एसपी हैं, तो तीनों उनसे माफी मांगने और मामले में सुलह की उम्मीद लगाए उनके पास पहुंचे। लेकिन बाद में शाक्य ने तीनों के खिलाफ मारपीट, गाली गलौच, धमकी देने और तेज गति से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज करवा दिया। 

शाक्य बोलते रहे मैं अधिकारी हूं, लेकिन तीनों नहीं माने : 
घटना के दौरान शाक्य वर्दी में नहीं थे। वहीं तीनों सिपाही भी वर्दी नहीं पहने थे। इसके बाद शाक्य तीनों केा बार बार समझाते रहे कि मैं पुलिस अधिकारी हूं, लेकिन तीनों ही शाक्य के साथ मारपीट करते रहे और बोलते रहे कि हम लोग भी पुलिस वाले हैं और मारपीट कर मौके से फरार भी हो गए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनिल जाट पहले कोलार थाने में पदस्थ था, लेकिन इन दिनों किसी मामले में पैसे के लेन देन की जानकारी उजागर होने के बाद सस्पेंड चल रहा था। वहीं अवधेश जाट और विनोद पाराशर को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

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