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भोपाल में ब्लैक फंगल के 125 पेशेंट, तीन की निकाली गई आंखेंं जानें क्या है इसके लक्षण

कोरोना के बाद फैला ब्लैक फंगल इंफेक्शन या म्यूकोरमाइकोसिस इंफेक्शन लोगों की जान के लिए खतरा बना हुआ है। सोमवार को इसके कारण हमीदिया अस्पताल में तीन लोगों की एक-एक आंख निकाली गई। वहीं एक अन्य मरीज के जबड़े का भाग निकालना पड़ा। सोमवार को पांच मरीजों के ऑपरेशन किए गए। 

स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के मुताबिक सोमवार को म्यूकोरमाइकोसिस के 21 नए मामले सामने आए। जिनमें से तीन मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। शहर में लगातार बढ़ते ब्लैक फंगल के इंफेक्शन के कारण इसके मरीजों की संख्या 125 तक पहुंच गई है।


हमीदिया में एडमिट हैं सबसे ज्यादा पेशेंट : 
इस इंफेक्शन से पीड़ित सबसे ज्यादा पेशेंट हमीदिया अस्पताल में एडमिट हैं। यहां अब तक 40 पेशेंट एडमिट हैं, जिनमें से 19 लोगों का ऑपरेशन किया जा चुका है। गौरतलब है कि इस बीमारी से निपटने हमीदिया में सबसे पहले एक विशेष वार्ड की स्थापना की गई थी7 
 
बिना तय मानकों के दिए गए स्टेयराइड ने बढ़ाया खतरा : 
कोरोना ट्रीटमेंट के समय पेशेंट्स को दी गई स्टेराॅयड की अत्यधिक मात्रा इस बीमारी का कारण है। राजधानी के कई अस्पताल बिना किसी प्रोटोकाॅल के मरीजों के स्टेयरॉइड के हेवी डोज दे रहे हैं, जिसके कारण पेशेंट की इम्यूनिटी बहुत वीक हो गई है और वे इस बीमारी का शिकार हो गए हैं। 

हमीदिया हाॅस्पिटल के ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. यशवीर के मानें तो डायबिटीज पेशेंट को स्टेरॉयड नहीं दिया जाता। लेकिन वर्तमान में बिना प्रोटोकॉल कोरोना मरीजों को बड़ी मात्रा में स्टेरॉयड दिए जा रहे हैं, इससे इम्युनिटी वीक होती है और यह फंगस हमला कर देता है।

 
इन लक्षणों से पहचानें ब्लैक फंगस को : 
 
नाक बंद होना।
नाक से काले रंग का डिस्चार्ज होना।
नाक के आस-पास गालों की हड्डी में दर्द होना।
लगातार सर दर्द होना।
दांतो का दर्द और दांतों का जड़ो से हिलाना।
जबड़े में दर्द होना।
आंखों में दर्द के साथ धुंधला दिखना।
बुखार आना और शरीर मे नील पड़ना।
सीने में दर्द और सांस लेने में दर्द होना।
फेफड़ों में पानी भर जाना।
खून की उल्टी होना।
मुह से बदबू आना।
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