Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस पीड़ितों को 7 हजार 844 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने की केंद्र की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1989 में सरकार और कंपनी में मुआवजे पर समझौता हुआ।
Bhopal Gas Tragedy Case: भोपाल गैस पीड़ितों को 7 हजार 844 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने की केंद्र की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1989 में सरकार और कंपनी में मुआवजे पर समझौता हुआ। अब (Bhopal Gas Tragedy) में फिर मुआवजे का आदेश नहीं दे सकते हैं।
Supreme Court rejects Centre's curative plea for enhanced compensation for the victims of the 1984 Bhopal Gas tragedy from US-based firm Union Carbide Corporation, now owned by Dow Chemicals. pic.twitter.com/bYaCN0VIBg
— ANI (@ANI) March 14, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका(Bhopal Gas Tragedy)
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने 1984 भोपाल गैस त्रासदी(Bhopal Gas Tragedy) में पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए केंद्र की याचिका खारिज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुआवजा काफी था। अगर सरकार को ज्यादा मुआवजा जरूरी लगता है तो खुद देना चाहिए था।
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‘दो दशक बाद मामले को उठाने का कोई तर्क नहीं’
जज संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि मामले को सुलझाने के दो दशक बाद भी केंद्र द्वारा इस मुद्दे को उठाने का कोई तर्क नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि (Bhopal Gas Tragedy) पीड़ितों के लिए आरबीआई के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा पीड़ितों के लंबित दावों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
पीठ ने क्या कहा
पीठ ने कहा हम दो दशकों के बाद (Bhopal Gas Tragedy) मुद्दे को उठाने के लिए कोई तर्क प्रस्तुत नहीं करने के लिए भारत सरकार से असंतुष्ट हैं, हमारा मानना है कि सुधारात्मक याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता है।
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इससे पहले जस्टिस संजीव खन्ना, अभय एस ओका, विक्रम नाथ और जे के महेश्वर की बेंच ने भी 12 जनवरी को केंद्र की उपचारात्मक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जानें क्या है मामला
बता दें कि 1984 के भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) के पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर केंद्र द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई थी।
वहीं, यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वो 1989 में हुए समझौते के अलावा भोपाल गैस पीड़ितों को एक भी पैसा नहीं देगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस त्रासदी में 3,000 से अधिक लोग मारे गए थे और 1.02 लाख प्रभावित हुए थे।