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आपदा से निपटने मप्र के वल्लभ भवन में बना सिचुएशन रूम, आपदा के समय तेजी से मिलेगी मदद 

तेज बारिश में बाढ़ के हालात, नदी, तालाबों और डेम के जलस्तर की लाइव जानकारी रखने के लिए भोपाल के वल्लभ भवन मंत्रालय एनेक्सी-2 में राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम का लोकार्पण शुक्रवार को किया गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दोपहर 3 बजे इसे लोकार्पित किया। इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा कि मैं आज आश्वस्त हूं, सिचुएशन रूम में बैठकर आपदा प्रबंधन की तैयारियों को देखा।

उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए हम कितना प्रभावी ढंग से बचाव और राहत का कार्य कर सकते हैं उसका उत्तम उदाहरण आज यहां प्रस्तुत किया गया है।

रायसेन कलेक्टर और बुधनी के तहसीलदार ने की लाइव चर्चा : 
रायसेन में भारी बारिश के मद्देनजर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने सीएम को सिचुएशन रूम से चर्चा के दौरान बताया कि जहां बाढ़ की आशंका होती है, हमने वो पूरे गांव देख लिए हैं। हमने 10-10 लोगों की टीम बनाई है इनमें तैराक और गांव के लोग हैं। लोकल बोट की भी व्यवस्था है। जलभराव की स्थिति बनते ही बचाव कार्य शुरू किया जा सकेगा।

बुधनी तहसीलदार आशुतोष शर्मा ने बुधनी घाट पर एसडीआरएफ और होमगार्ड के अमले के मौजूद होने की बात कही। उन्होंने बताया कि पिछली बार के बाढ़ प्रभावित गांवों का चयन कर दो मोटर बोट सहित चार बोट तैनात कर दी गई हैं।

किसी भी आपदा से निपटने में मिलेगी मदद : 

लोकार्पण के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कोई भी आपदा हो, जरूरत पड़ने पर हमारी टीम उपलब्ध रहेगी। हमने अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है।


चाहे अपराधी द्वारा परिस्थिति पैदा की गई हो, एक्सीडेंट हो, आग लगी हो, भूकंप आ गया हो। इन सभी आपदा से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा।



अर्ली वार्निंग सिस्टम के तौर पर करेगा काम : 
आपदा प्रबंधन के लिए स्थापित इस सिचुएशन रूम में मप्र के ताजा मौसम की जानकारी, नदी, तालाबों और डेम का जलस्तर, कहीं डेम के गेट तो नहीं खुले और कहां बाढ़ के हालात हैं? यह सारी जानकारी हमेशा लाइव रहेगी। इस सिचुएशन रूम को बनाने का उद्देश्य आपदा वाले स्थान का तुरंत पता लगाकर मानव जीवन को बचाना है। यह सिचुएशन रूम अर्ली वार्निंग सिस्टम के तौर पर काम करेगा।


ट्रैफिक पुलिस के 10 हजार और स्मार्ट सिटी के 500 कैमरों को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश में आपदा प्रबंधन में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर आपदा के दौरान कम से कम समय में पीड़ितों तक यथोचित मदद पहुंचाने राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम बनाया गया है।

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