दिगंबर जैन महिला परिषद द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर जहांगीराबाद स्थित भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर में गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार हेमलता रचना उपस्थित थीं। कार्यक्रम में परिषद की अध्यक्ष कल्पना जैन ने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि बोली बता देती है कि व्यवहार कैसा है और संस्कार बता देते हैं कि परिवार कैसा है?
बच्चों की प्रथम गुरु होती है मां :
उपाध्यक्ष मणि जैन ने कहा कि बच्चे की प्रथम गुरु मां ही होती है। वहीं परिषद की सबसे युवा सदस्य ईशु जैन ने सभा में उपस्थित सभी वरिष्ठ सदस्यों को अपना शिक्षक बताते हुए धन्यवाद किया। कोषाध्यक्ष इंद्रा जैन ने बहुत ही सुमधुर स्वर में मां सरस्वती की वंदना करते हुए अपने विचार रखे। सचिव ज्योति जैन ने गुरु की महत्ता बतलाई, तो उपासना जैन ने वर्तमान पीढ़ी पर सोशल मीडिया के असर पर प्रकाश डाला।
प्रमिला जैन और रानी जैन ने भी अपने वक्तव्य गुरु का स्थान ईश्वर से अधिक होने की बात कही तथा बच्चों की जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु उठाए जाने वाले क़दमों के बारे में चर्चा की।
कोरोनाकाल में ऑनलाइन संपन्न हुई थी बैठकें :
इस मौके पर हेमलता जैन रचना ने बतलाया कि कोरोना काल के चलते परिषद की पिछली कई बैठकों को ऑनलाइन ही संपन्न करवाया गया था, उन बैठकों में आयोजित प्रतियोगिताओं के पुरस्कारों का वितरण भी इसी अवसर पर किया गया। परिषद की बैठकों में ना केवल वार्षिक कैलेंडर के अनुसार तीज, त्यौहार, जयंती, पुण्यतिथि आदि पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं, अपितु समसामयिक विषयों पर भी गोष्ठी होती है।
यह भी पढ़ें : जैन सोशल ग्रुप ने कोरोना महामारी में दिवंगत साथियों की याद में रौपे 40 पौधे