Saudi Arab आए दिन ऐसी घोषणाएं कर रहा है जिससे उसकी मदद पर निर्भर पाकिस्तान जैसे देशों की हालत और भी गंभीर हो सकती है। सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जादान ने कहा है कि उनका देश अब विदेशी मदद देने के अपने नजरिए को बदलेगा।
उन्होंने कहा है कि सऊदी अरब में अंतर्राष्ट्रीय निवेश को मजबूत करने के लिए वो भविष्य में दी जाने वाली मदद की प्रक्रिया और शर्तों को कठिन बनाएगा। सऊदी की तरफ से यह ऐलान ऐसे वक्त में की गई है जब पाकिस्तान और मिस्त्र जैसे देश उसकी सहायता पर टिके हुए हैं।
सऊदी के वित्त मंत्री ने इस बारे में पहली बार 18 जनवरी को स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्षिक आर्थिक मंच पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि सऊदी अरब बिना शर्त किसी देश को लोन नहीं देगा और न ही उन देशों के बैंकों में अपने पैसे बिना शर्त जमा करेगा।
Saudi Arab का कहना है कि वह अपने लोगों पर कर रहा है, इसलिए बाकी देशों को भी आर्थिक विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
ये बोले वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने दावोस में कहा था, ‘हम बिना किसी शर्त के सीधे कर्ज और जमा राशि देते थे, लेकिन अब हम इसे बदल रहे हैं। हम बहुपक्षीय संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इससे हम यह कह सकें कि हम अपने आर्थिक सहायता देने के तरीकों में बदलाव की आवश्यकता है।’
इस प्रोजेक्ट्स पर बढ़ा Saudi Arab का खर्च
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट विजन 2030 से जुड़ी परियोजनाओं पर खर्च करने के लिए अपनी तेल आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं। सऊदी अरब विदेशी कर्ज नीति को सख्त बना रहा है। अरब अब घरेलू मेगा प्रोजेक्ट्स पर जोर दे रहा है।
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इसी बात को लेकर कुछ अर्थशास्त्रियों ने इस साल खाड़ी के अरब देशों के लिए धीमी आर्थिक वृध्दि की भविष्यवाणी की है। Saudi Arab ने नई महत्वाकांक्षी विकास प्रोजेक्ट्स की रूपरेखा तैयार की है और ऐसे में धीमी आर्थिक वृध्दि की खबरों ने उसकी चिंताओं को बढ़ा दिया है।
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