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विशेष मुहूर्त में अक्षय तृतीया पर करें प्रभावशाली उपाय, धन और सुख-समृद्धि का होगा आगमन

Akshaya Tritiya

Akshaya Tritiya ke upay: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से सोने-चांदी की खरीदारी, नए व्यापार की शुरुआत, धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाता है। बता दें कि इस वर्ष अक्षय तृतीया पर्व 22 अप्रैल 2023, शनिवार (Akshaya Tritiya 2023 Date) के दिन मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शास्त्रों में Akshaya Tritiya का बड़ा महत्व है। अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त होता है, इस दिन सोना या प्रॉपर्टी खरीदना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं Akshaya Tritiya के कुछ आसान उपायों के बारे में, जिससे धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

Akshaya Tritiya

credit: google

Akshaya Tritiya के उपाय

  • अक्षय तृतीया के दिन सोने चांदी की चीजें खरीदी जाती हैं। इससे बरकत आती है। अगर आप भी बरकत चाहते हैं इस दिन सोने या चांदी के लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें। क्योंकि जहां लक्ष्मी के चरण पड़ते हैं वहां अभाव नहीं रहता है।
  • Akshaya Tritiya के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर पूजा स्थान में रखे इसमें देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इनका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है। देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां समुद्र से उत्पन्न हुई हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियों में लाभ मिलता है।
  • Akshaya Tritiya के दिन घर में पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  • इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नता के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा आदि फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
  • Akshaya Tritiya को गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या यह बारह दान का महत्व है। जो भी भूखा हो वह अन्न दान का पात्र है। जो जिस वस्तु की इच्छा रखता है यदि वह वस्तु उसे बिना मांगे दे दी जाए तो दाता को पूरा फल मिलता है। सेवक को दिया दान एक चौथाई फल देता है। कन्या दान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए इस दिन कन्या का विवाह किया जाता है।
  • Akshaya Tritiya के दिन जौ का दान करना बड़ा ही पुण्यकारी माना जाता है। इसका दान सोने का दान करने के बराबर होता है। अक्षय तृतीया को आप सोना खरीद सकते हैं, यदि वैसी व्यवस्था नहीं है तो आप जौ खरीद लें। आपके परिवार के धन-संपत्ति में वृद्धि होगी। इस दिन चांदी, आभूषण आदि की खरीदारी से अक्षय लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
  • अक्षय तृतीया वाले दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। दांपत्य जीवन सुख होता है। लक्ष्मी कृपा से जीवन में धन, वैभव की कमी नहीं रहती है।
  • इसके अलावा आप चाहें तो Akshaya Tritiya के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं। इससे आपका धन स्थिर रहेगा। पूजा के समय माता लक्ष्मी को मखाने की खीर या फिर दूध से बनी कोई भी सफेद मिठाई का भोग लगा सकते हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन आप एक कलश लें और उसमें साफ जल भर लें। फिर उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिला लें। अब उसे किसी गरीब ब्राह्मण को दान कर दें। जल भरे कलश का दान करने से सभी तीर्थों के पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है।
  • Akshaya Tritiya पर दान देने वाला सूर्य लोक को प्राप्त होता है। इस तिथि को जो व्रत करता है वह ऋद्धि, वृद्धि एवं श्री से संपन्न होता है। इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। अत: इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए।

अक्षय तृतीया पूजा शुभ मुहूर्त

(Akshaya Tritiya 2023 Puja Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 22 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 23 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में अक्षय तृतीया व्रत व पूजा-पाठ 22 अप्रैल 2023, शनिवार के दिन किया जाएगा। पंचांग में बताया गया है कि Akshaya Tritiya के दिन पूजा मुहूर्त सुबह 07 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट के बीच रहेगा। इस अवधि में माता लक्ष्मी की उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होगा।

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पितृ पूजा का दिन

पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को ब्रह्म देव के पुत्र अक्षय कुमार की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इस ​तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं। Akshaya Tritiya वाले दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है, इससे अक्षय फल की प्राप्ति होती है। पितर अपने वंश से खुश होते हैं और उनके सुख जीवन का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन अवश्य ही पितरों की पूजा करनी चाहिए।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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