भारत में चल रहे कृषि आंदोलन को लगभग एक महीने से ज्यादा हो चुका है लेकिन न सरकार पीछे हटने को राजी है न किसान। इसी बीच काग्रेंस पार्टी भी देश के किसानों के समर्थन में उतर चुकी है।
24 दिसंबर गुरूवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता, जो राष्ट्रपति भवन तक किसान आंदोलन के समर्थन में मार्च कर रहे थे, उन्हें पुलिस ने रोक साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया थाने भेज दिया गया। प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य नेताओं के जल्द ही जारी होने की संभावना है।
इसी के चलते राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज भारत में ‘कोई लोकतंत्र नहीं है।’ प्रधानमंत्री के खिलाफ खड़े होने वालों को आतंकवादी करार दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए संसद के संयुक्त सत्र की मांग की है।
राष्ट्रपति कोविंद के साथ बैठक के बाद, राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित किया और कहा कि “भारत में कोई लोकतंत्र नहीं है। यदि आप में से कुछ सोचते हैं, तो यह आपकी कल्पना में है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री क्रोनी पूंजीपतियों के लिए पैसा बना रहे हैं। “जो कोई भी उसके खिलाफ खड़े होने की कोशिश करेगा उसे आतंकवादी कहा जाएगा – वह किसान हो या मजदूर।
यहां देखें वीडियो-
#WATCH | There is no democracy in India. It can be in your imagination, but not in reality: Congress leader Rahul Gandhi on Delhi Police taking party leaders into custody during their march to Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/7oYfUDEkEM
— ANI (@ANI) December 24, 2020
#WATCH | You have an incompetent man who does not understand anything & running a system on the behalf of 3 or 4 other people who understand everything: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/Ct3f7zTtjc
— ANI (@ANI) December 24, 2020
#WATCH | China is still at the border. It has snatched away thousands of kms of the land of India. Why doesn’t PM speak about it, why is he silent?: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/rKYyqrzbnY
— ANI (@ANI) December 24, 2020
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि नए कृषि कानून “चार या पांच व्यापारियों” के पक्ष में लाखों किसानों की आजीविका छीन लेंगे।
प्रियंका गांधी वाड्रा जेल भेजे जाने से पहले सड़क पर बैठ गईं और कहा कि इस सरकार के खिलाफ किसी भी असंतोष को आतंकवाद के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने कहा, “हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च निकाल रहे हैं।”
यह भी जरूर पढ़ें-Flashback 2020: साल 2020 की ये 20 बड़ी बातें जो भुलाए नहीं भूल पाएगा देश