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कोविड के सदमे से हुई पत्नी की मौत, लोगों के मन से भय निकालने कोविड पेशेंट्स की सेवा कर रहा भोपाल का सेलिब्रिटी जर्नलिस्ट 

राजेश गाबा ‘प्रिंस’ (Rajesh Gaba Prince) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। दैनिक भास्कर (Dainik_Bhaskar) के लिए कला, साहित्य और फिल्म जगत की रिपोर्टिंग करने वाले इस पत्रकार ने फिल्म इंडस्ट्री के लगभग हर बड़े कलाकार का पर्सनल इंटरव्यू किया है। इसीलिए अक्सर इन्हें लोग प्यार से भोपाल का सेलेब्रिटी जर्नलिस्ट भी कहते हैं। 

हमेशा जिंदगी को जिंदादिली से जीने वाला यह पत्रकार आजकल कुछ बदला बदला सा नजर आ रहा है। दरअसल रतलाम के ग्राम भील बड़ोली शासकीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ प्रिंस की धर्मपत्नी तपस्या गाबा (Tapasya_Gaba) कोविड से जंग हार गईं। इसके बाद प्रिंस का जीवन कुछ ऐसा बदला की मुंबई की अपनी जाॅब छोड़कर कोविड पेशेंट की सेवा करने में जुटे हुए हैं।

कोविड पेशेंट्स की सेवा ही प्रिंस की दिनचर्या : 
सोमवार सुबह को StackUmbrella ने प्रिंस से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि आज कल रतलाम का जीएमसी हॉस्पिटल ही उनका ठिया है। प्रिंस रोज सुबह यहां एडमिट अपनी मौसी सास राज बावेजा की सेवा करने पहुंच जाते हैं और दिन भर कोविड सेंटर में मौसी की सेवा करते हैं। 

(सात जन्मों के बंधन में बंधने की तस्वीर प्रिंस ने हाल ही में अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर की थी)

मौसी की सेवा करने के बाद प्रिंस यहां एडमिट अन्य पेशेंट की दवाओं और अन्य सामान लाने का काम करते हैं। जो लोग यहां अपने पेशेंट से मिलने नहीं आ पा रहे हैं। प्रिंस अपने फोन से कॉल और वीडियो काॅल के माध्यम से पेशेंट और परिजनों के बीच दूरियां कम करने का काम कर रहे हैं। इस दौरान भोपाल में रहने वाले अपने परिवार को भी लगातार फोन पर ढांढस बंधाते रहते हैं।

कोविड का डर ले रहा जानें, इसी पर प्रिंस कर रहे प्रहार : 
प्रिंस बताते हैं कि नौकरी की सिलसिले में मैं मुंबई में था और पत्नी रतलाम में थीं। इसी दौरान पत्नी और मौसी कोविड पॉजिटिव हो गईं। एक किमी तक अस्पताल चलने के लिए ऑटो वाले ने पांच सौ रुपए ले लिए। कुछ साथियों की मदद से पत्नी जीएमसी हॉस्पिटल में एडमिट हो गईं।

(स्वर्गीय तपस्या गाबा)

इसी दौरान प्रिंस ने मुश्किल से एक ट्रेन का टिकट करवाया। हालांकि मुंबई में ट्रेन पकड़ना आसान नहीं था। गाड़ी आंखों के सामने निकल गई। उसके बाद दूसरी गाड़ी में बैठे और जुर्माना देते हुए रतलाम तक पहुंचे। इस दौरान दिन रात पत्नी की पूरी शिद्दत के साथ सेवा की। प्रिंस को उम्मीद थी कि पत्नी जल्दी ही स्वस्थ हो जाएंगी।

इसी दौरान पास वाले बेड पर एक गर्भवती महिला और एक वृद्धा की मौत ने तपस्या को ऐसा सदमा लगा कि वे इसे झेल न पाईं और कार्डियक अरेस्ट के कारण सबकुछ पीछे छोड़कर सद्गति की ओर अग्रसर हो गईं। इसी के साथ प्रिंस की भी सारी उम्मीदें टूट गईं। हालांकि इस दौरान प्रिंस का जीवन पूरी तरह बदल गया। अब वे दिन रात कोविड के इसी भय को लोगों के मन से निकालने पेशेंट की सेवा कर रहे हैं। 

पहले परिवार संभालूुंगा, फिर नौकरी : 
प्रिंस ने इस दौरान अपनी बातचीत में बताया कि मौसी सास अब भी हॉस्पिटल में हैं। पहले वे स्वस्थ हो जाएं, उसके बाद भोपाल जाकर अपनी मां और पिता को संभालूंगा। उसके बाद अपनी नौकरी करूंगा। पहले परिवार को संभालूं। उसके बाद नौकरी कर लूंगा।

(जिंदादिल पत्रकार प्रिंस गाबा)

प्रिंस ने बताया कि मौसी सास को अब तक नहीं बताया कि उनकी प्यारी बेटी अब इस दुनिया को अलविदा कह गई है। एक बार वे स्वस्थ हो जाएं, फिर उन्हें तपस्या के बारे में बताऊंगा। फिर उनकी मर्जी के अनुसार वे भोपाल, रतलाम या मुंबई जहां रहना चाहें उन्हें वहीं अपने साथ ले जाऊंगा। 

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