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Nalanda University: PM Modi ने 1600 साल पुराना नालंदा का खंडहर देखा, PM मोदी ने कही ये बात

Nalanda University Narendra Modi first Bihar visit after becoming PM

Nalanda University: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत 17 देशों के राजदूत शामिल हुए. यूनिवर्सिटी के उद्घाटन के साथ ही बिहार को उसकी खोयी हुई विरासत भी फिर से मिलने वाली है.

PM Modi ने उद्घाटन से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर नालंदा यूनिवर्सिटी(Nalanda University) की तस्वीरों को शेयर किया है. इसके साथ उन्होंने लिखा है, “आज हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत खास दिन है. आज सुबह करीब 10:30 बजे राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया जाएगा. हमारे गौरवशाली इतिहास से नालंदा का गहरा नाता है.” पीएम मोदी के जरिए शेयर की गई तस्वीरों में नालंदा यूनिवर्सिटी का गेट और उसके कैंपस को देखा जा सकता है.

Nalanda University Inauguration

Narendra Modi first Bihar

इसको लेकर एसपीजी ने दोनों स्थलों पर अपनी कमान संभाल ली है। प्रधानमंत्री के आगमन से पहले यहां की तैयारियों(Nalanda University) का जायजा लिया गया। इस दौरान नालंदा विश्वविद्यालय परिसर में एसपीजी द्वारा उच्च अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक भी की गई। बैठक में सुरक्षा के हर पहलू पर विचार-विमर्श किया गया और कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए कई आवश्यक निर्देश भी दिए गए।

Narendra Modi first Bihars

प्रधानमंत्री के साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अरविंद पनगढ़िया(Nalanda University) भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापना में अहम योगदान देने वाले कुल 17 देशों के राजदूत भी शामिल होंगे। नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे कई देशों के छात्र-छात्राएं भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

Narendra Modi first Bihar

कुलपति प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने बताया कि भारत को विश्व गुरु बनाने का जो हमारा लक्ष्य है, उसके प्रति यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना से नालंदा के गौरवशाली अतीत को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है। इस परिसर में विगत सत्र में 26 देशों के बच्चे अध्ययन कर रहे थे, जिनमें उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण एशिया, और मध्य एशिया के देशों के छात्र शामिल हैं। यह पवित्र भूमि है, शांति और ज्ञान की भूमि है।

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