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मिलिए नाज एकता पटेल से और जानिए क्‍यों उन्होंने Myntra Logo में करवाया बदलाव-

पिछले कुछ दिनों से  Myntra Logo के चेंज होने की खबर सोशल मीडिया पर काफी चर्चाओं में हैं। लोग इस खबर को लेकर काफी फनी टिप्पणियां करते नजर आ रहे हैं लेकिन इस कहानी के पीछे की सच्‍चाई शायद ही किसी को पता हो, आइए जानते है कि क्‍यों नाज एकता पटेल को Myntra  के पुराने Logo को चेंज कराने की जरूरत पड़ी।

कौन हैं नाज एकता पटेल-

नाज एकता पटेल एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो मजबूर और बेसहारा लोगों की मदद करने का काम करती है। साथ ही वह एक एनजीओ की संस्‍थापक भी हैं जो बुजुर्गों को सहारा देने से लेकर सेक्‍स के जाल में फसी लडकियों को बचाने का काम करता है। नाज के इस एनजीओ का नाम अवेस्टा फाउंडेशन एनजीओ (Avesta Foundation NGO)।

कहां से आया Myntra Logo चेंज करने का विचार-

मीडियो से बात करते हुए नाज कहती हैं कि वह मिंत्रा की रेगुलर ग्राहक हैं और हमेशा मिंत्रा से ही शॉपिंग करना पसंद करती हैं। लेकिन 3 साल पहले जब उन्‍होनें टीवी पर मिंत्रा का ऐड देखा तो उन्‍होनें उनके पास बैठे कुछ लोगों को इस विज्ञापन पर हसते हुए देखा।

नाज कहती हैं कि उन्‍हें इस हसी का कारण पहले समक्ष नहीं आया। लेकिन उन्‍होनें Myntra Logo को बड़ी स्‍क्रीन पर देखा उन्‍हें लगा कि इसमें बदलाव कराने की आवश्‍यकता है।  

2020 में पुलिस से ली मदद-

नाज बताती हैं कि वह इस मामले की शिकायत लेकर मुबंई डीसीपी रश्मि करंदीकर के पास गईं और उन्‍होनें भी पाया कि इस Logo का स्वभाव महिलाओं के प्रति अपमानजनक था। रश्मि करंदीकर कहती है कि शिकायत के बाद,  उन्‍होनें इस मामले को लेकर Myntra को एक ईमेल भेजा और उनके अधिकारी आए और हमसे मिले। अधिकारियों ने कहा कि वे इस Logo को एक महीने में बदल देंगे।”

इस मुद्दे के सभी विवादों के बाद, ऑनलाइन शॉपिंग ऐप ने अपनी वेबसाइट, उनके ऐप और पैकेजिंग सामग्री पर Logo बदलने का फैसला किया। Myntra ने पहले ही नए लोगो के साथ पैकेजिंग सामग्री के लिए मुद्रण आदेश जारी कर दिए थे।

 Myntra भारत में कपड़े और सामान के लिए सबसे बड़े ऑनलाइन बाजार विक्रेताओं में से एक है।

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