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Mahila Naga Sadhu: ये महिला नागा नहीं पहनती कपड़े? आसान नहीं है तपस्या का मार्ग

Mahila Naga Sadhu

UP/UK। Mahila Naga Sadhu: अगर आप यह सोच रहे हैं, कि नागाओं का जीवन सरल होता है। उन्हें बिना काम के बस रहना और खाना ही है, तो आप गलत हैं।

उनके जैसी जीवनशैली अपनाना आसान बात नहीं है। क्योंकि नागा साधुओं (Mahila Naga Sadhu) को पूरे जीवन कठिन तपश्चर्या से गुजरना पड़ता है। भारत को साधु-संतों का देश कहा जाता है।

साधुओं में भी अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिसमें सबसे अलग होते हैं “नागा साधु”। नागा साधुओं की जीवन बहुत ही रहस्यमयी होता है। इनकी जिंदगी में क्या चल रहा होता है, किसी कोई जानकारी नहीं होती है।

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शरीर पर धुनी की भस्म रमाकर, माथे पर तिलक और इनका आभामंडल भी तेज तर्रार गुस्से वाला दिखाई पड़ता है। यही वजह है कि कई बार लोग इन्हें देखकर डरने लगते हैं और पास जाने में भी कतराते हैं।

नागा साधुओं का जीवन आम जनमानस से बिलकुल अलग होता है। ये Mahila Naga Sadhu एकांत में रहकर खुद को हठ योग की तपस्या में लीन रखते हैं।

Mahila Naga Sadhu

Credit: Google

 

ये साधु बिना किसी वजह से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते, अपने सरल तरीके से अपना काम करते हैं। लेकिन अगर कोई इन्हें छेड़ दे तो फिर इन्हें संभालना भी बेहद मुश्किल हो जाता है।

शंकराचार्य के अधीन होते हैं नागा साधु (Mahila Naga Sadhu)

नागा साधु, आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं। इन पर किसी भी मौसम का कोई प्रभाव नहीं होता है।

ये हठ योग की इतनी कठिन प्रक्रिया से गुजरते हैं, कि इनका शरीर वज्र के समान हो जाता है। इन पर सर्दी, गर्मी, वर्षा का कोई असर नहीं होता है।

कोई भी मौसम क्यों न हो ये बिना कपड़ों के ही जीवन व्यतीय करते हैं। पुरुषों की तरह महिला नागा साधुओं (Mahila Naga Sadhu) का भी एक गुट होता है।

कुंभ में दिखाई देते हैं नागा साधु (Mahila Naga Sadhu)

आपको बता दें कि नागा साधु आम जन जीवन से अलग ही रहते हैं। इस वजह से इन्हें कम ही देखा जाता है। ऐसा कम ही अवसर होता है, जब ये नागा साधु अपनी टोली के साथ बाहर निकलते हैं।

Mahila Naga Sadhu

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ये कुंभ मेले या फिर कोई बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान ही बाहर निकलते हैं। इनके साथ महिला नागा साधुओं (Mahila Naga Sadhu)को भी देखा जा सकता है।

निर्वस्त्र रहती हैं महिला नागा साधु?

पुरुष नागा साधुओं के जैसे महिला नागा साधु (Mahila Naga Sadhu) की भी अपनी जीवनशैली हैं। इन्हें भी कठिन तपस्या से अपने आपको तपाना पड़ता है।

बेहद मुश्किल हठ योग से गुजरते हुए ये परमात्मा की भक्ति में लीन रहतीं हैं। बता दें, महिला नागा साधु पुरुषों की भांति निर्वस्त्र नहीं रहतीं हैं।

इन्हें एक गेरुआं या भगवा वस्त्र पहनना होता है,जो कि सिला हुआ नहीं रहता, इसे गंती कहते हैं। इन्हे आश्रम की अन्य साध्वियां माता कहकर बुलाती हैं।

ऐसे बनती हैं Mahila Naga Sadhu

महिला नागा साधु बनने की डगर इतनी आसान भी नहीं है, जितनी हम सोच रहे हैं। दरअसल इन्हें मुश्किल परीक्षा से गुजरना पड़ता है। इन्हें करीब 6-12 साल तक कठोर ब्रम्हचर्य का पालन करना होता है।

Mahila Naga Sadhu

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फिर जब ये पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित होती हैं। इसके बाद जब गुरू को लगता है कि अब वो महिला नागा साधु (Mahila Naga Sadhu) बनने के लिए तैयार हैं, तो वो उन्हें अनुमति देते हैं।

इसके बाद इन महिलाओं को अपना जीते जी खुद का पिंडदान करना पड़ता है। फिर सिर का मुंडन होता है और स्नान के बाद पूरे विधि-विधान के बाद इन्हें नागा साधु बनाया जाता है।

दिनचर्या होती है कठिन

महिला नागा साधु का जीवन जीना आसान नहीं हैं। ये पूरी जिंदगी अपने आप को ईश्वर के चरणों में समर्पित कर देती हैं।

इनकी सुबह ब्रम्ह मुहूर्त से होती है, स्नान, ध्यान, पूजा-अर्चन करती रहती हैं। इन्हें नागिन, अवधूतनी कहकर भी बुलाया जाता है।

Mahila Naga Sadhu

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कई विदेशी महिलाओं ने भी भारत आकर खुद को परमात्मा के चरणों में समर्पण किया है। कई विदेशी महिलाएं नागा साधु का जीवन जीती हैं। इन्हें कुंभ के मौके पर देखा जा सकता है।

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