Mahakaleshwar मे रंगपंचमी के मौके पर बड़े ही धूमधाम से ध्वज चल समारोह निकाला गया। सभा मंडप में मौजूद पंडे-पुजारियों और अधिकारियों ने भगवान और ध्वज की पूजा-अर्चना कर कोटि तीर्थ कुंड का फेरे लगाये।
इसके बाद कलेक्टर-एसपी सहित प्रदेश सरकार के मंत्री सभा मंडप में हथियार घुमाकर प्रदर्शन करते नजर आए।
Mahakaleshwar मंदिर में कोटि तीर्थ के चक्कर लगाने के बाद जब चल समारोह मंदिर से बाहर पहुंचा तो इसमें पांच झांकियां, बैंड बाजे, ढोल और मलखंब के खिलाड़ी शामिल हुए।
और इन सबके साथ प्रदर्शकारी पूरे रास्ते प्रदर्शन करते नजर आए।
साथ ही धार्मिक भजनों पर रास्ते में खड़े श्रद्धालु मस्ती मे झूमते-गाते हुए दिखाई दिए।
Mahakaleshwar ध्वज चल समारोह मे शामिल हुई झांकियां
Mahakaleshwar मंदिर मे रंगपंवमी का त्योंहार बड़ी ही हर्षो—उल्लास के साथ मानाया गया। इस मौके पर ध्वज चल समारोह में पांच झांकियां शामिल हुई थीं।
इन झांकियों को 40 फीट लंबी ट्रॉलियों पर सजाया गया। इस परंपरागत गैर में भगवान वीरभद्र की गाड़ी, सेहरा दर्शन, मलखंब प्रदर्शन दल, नासिक के ढोल, आर के बैंड और अमरावती त्रिशूल करतब दल समेत अन्य अखाड़े शामिल थे।
गैर को देखने के लिए हजारों की संख्या में दूर—दूर से लोग पुराने शहर के मार्गों पर नजर आए और सभी ने महाकाल की मनमोहक झांकियों को निहारते हुए भगवान वीरभद्र और ध्वजा के दर्शन किए।
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Mahakaleshwar के अलावा और कहॉं—कहॉं निकाली गई यह परंपरागत गैर
सिंहपुरी मे रंगपंचमी पर निकली गुर्जरगौड़ ब्राह्मण समाज की गेर में शौर्य व शक्ति के दर्शन दिए। श्री महाकालेश्वर भर्तृहरि विक्रम ध्वज चल समारोह समिति के तत्वावधान में गेर निकाली गर्ई।
कार्तिक चौक से रंगपंचमी पर गुर्जरगौड़ ब्राह्मण समाज की गेर निकली। तोपतोड़ भैरव मंदिर में ध्वज निशान का पूजन किया गया।
साथ ही ढोल ढमाकों के साथ समाजजन ध्वजों को लेकर निकले तथा समाजजन के घरों पर प्रदर्शन के लिए स्थापित किया जाएगा।
भागसीपुरा से औदिच्य ब्राह्मण समाज की गेर रंगपंचमी पर निकाली गई। समाजजन श्री आनंद भैरव मंदिर में ध्वज निशान का पूजन किया। इसके बाद बैंड बाजों के साथ ध्वज चल समारोह निकाला गया।
परंपरा के अनुसार हर साल रंगपंचमी की झांकिया
Mahakaleshwar धाम उज्जैन मे रंगपंचमी के मौके पर रविवार शाम भगवान महाकाल की गेर पुजारियों के मंत्रोच्चार के साथ ध्वज का विधि-विधान पूर्वक पूजन कराया।
इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और मंदिर के पुजारियों ने शस्त्रों का प्रदर्शन कर कलाबाजी भी दिखाई। साथ ही दूर—दूर से आए कलाकारों ने गेर में वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति दी।
परंपरा के अनुसार हर साल रंगपंचमी पर्व पर भगवान महाकाल की गेर निकाली जाती है। इसलिए सबसे पहले रविवार शाम को यह गेर महाकाल मंदिर से शुरू हुई।