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चलिए जानते हैं लगा मगेंशकर के उन गानों के बारे में जिनसे बनी वो स्वर कोकिला

भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर एक ऐसी गायिका थी। जिनके गीतों ने लोगों को कभी शहीद जवानों को याद कर रूलाया तो कभी उनके गीतों ने गले लगना सिखाया। कभी प्यार के डर से दूर किया तो कभी जीने की तमन्ना फिर से जगाई। लता जी ने संगीत के दुनिया में बहुत ही मत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। शायद ही अब कोई उनकी जैसी गायिका इस धरती पर जन्म ले पाए।

आइए जानते हैं उनकी आवाज के कुछ बेहतरिन गानों के बारे में जो कि सदा के लिए अमर हो चुके हैं-

  • ‘‘अजीब दास्तां है ये’’- दिल अपना और प्रीत पराई (1960)

सन् 1960 में आई फिल्म ‘दिल अपना और प्रीत पराई’ का ‘‘अजीब दास्तां है ये’’ गीत मीना कुमारी और राजकुमार पर फिल्माया गया था। जिसे लता मंगेशकर के सर्वश्रेष्ठ गानों में से एक माना जाता है।

  • ‘‘ऐ मेरे वतन के लोगों’’

कवि प्रदीप का लिखा ये गीत उन भारतीय जवानों की स्मृति में गाया गया जिन्होंने 1962 के चीन-भारत युद्ध में सर्वोच्च बलिदान दिया था। लता मंगेशकर ने 27 जनवरी 1963 में नेशनल स्टेडियम में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मौजूदगी में ये गीत गाया था। ऐसा बताया जाता है कि इस गीत को सुनकर नेहरू जी की आंखें भीग गयी थीं। आज भी इस गीत को सुनकर लोगों की आंख भर जाती है।

  • ‘‘प्यार किया तो डरना क्या’’- मुगल-ए-आजम (1960)

दमनकारी शासन के बीच विद्रोह को स्वर देने वाले गीत ‘‘प्यार किया तो डरना क्या’’ को लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज में ये गीत गाया था। शकील बदायूंनी ने ये गीत लिखा था और इसका संगीत नौशाद ने दिया था ।

  • ‘‘लग जा गले’’- वो कौन थी? (1964)

मदन मोहन के संगीत और राजा मेहदी अली खान द्वारा लिखे इस गीत को अपनी सुरीली आवाज देकर लता मंगेशकर ने इसके गीत के बोल अमर कर दिए थे।

  • ‘‘आज फिर जीने की तमन्ना है’’- गाइड (1972)

लता जी के इस गीत में आजादी और मुक्ति की अभिव्यक्ति है और अभिनेत्री वहीदा रहमान के अभिनय ने इसे गीत को और लोकप्रिय बना दिया था। लता मंगेशकर के इस गीत को सुनकर लोगों के मन में फिर जीने की तमन्ना जागृत हो जाती है।

  • ‘एक प्यार का नगमा है’’- शोर (1972)

‘‘एक प्यार का नगमा है’’ इस गाने के सुनकर हम आज भी हम इमोश्नल हो जाते हैं। लता जी की आवाज और प्यार भरे इस गीत में वायलिन की धुनों ने लाखों दिलों को छूआ था। इस गीत को लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने संगीत दिया था।

  • ‘‘बाहों में चले आओ’’- अनामिका (1973)

लता मंगेशकर ने आरडी बर्मन के साथ ये रोमांटिक गीत गाया था। इस गीत के बोल लोग के मन में बस चुके हैं। जिसे सुनकर लोग रोमंटिक हो जाते हैं।

  • ‘‘सलाम-ए-इश्क मेरी जान’’- मुकद्दर का सिकंदर (1978)

लता जी का एक और क्लासिक गीत जो कि उन्होंने किशोर कुमार के साथ गाया था। यह गीत रेखा पर फिल्माया गया था। इस गीत को सुन लोग आज भी नाचने लगते हैं।

  • ‘‘तुझे देखा तो’’- दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)

कुमार सानू के साथ गाया लता मंगेशकर का ये गीत 1995 में फिल्म रिलीज होने के तुरंत बाद ही हिट हो गया था। ये गीत शाहरुख खान और काजोल पर फिल्माया गया था। इस गाने के लिरक्स आज भी लोग गुन-गुनाते हैं।

  • ‘‘जिया जले’’- दिल से (1998)

प्रीति जिंटा पर फिल्माए गए लता मंगेशकर का ‘‘जिया जले’’ गीत से शाहरुख खान की एक और फिल्म को काफी फायदा मिला था। इस गीत में संगीत ए.आर रहमान ने दिया था और इसके बोल गुलजार ने लिखे थे।

  • ‘‘कभी खुशी कभी गम’’- कभी खुशी कभी गम (2001)

लता मंगेशकर ने करण जौहर की इस फिल्म के गीत ‘‘कभी खुशी कभी गम’’ को एक परिवार के खुशी के साथ-साथ गम के पलों को भी अपनी आवाज से संजोया था।

  • ‘‘तेरे लिए’’- वीर जारा (2004)

यश चोपड़ा की रोमांस ड्रामा से भरपूर इस फिल्म में मंगेशकर ने नौ गीत गाए। ये आखिरी फिल्म एल्बम थी जो कि लता मंगेशकर ने गायी थी। इस फिल्म में शाहरुख खान और प्रीति जिंटा की जोड़ी को दर्शकों ने खुब पसन्द किया था।

  • ‘‘लुक्का छुप्पी’’- रंग दे बसंती (2006)

लता मंगेशकर ने इस गीत में शोक संतप्त एक मां की भावनाओं को आवाज दी जिसमें एक मां ने अपने बेटे को खो दिया था। ये लता जी का आखिरी गाना फिल्मी गीत था। स्वर कोकिला के निधन पर प्रशंसकों के शोकाकुल होने पर सोशल मीडिया पर ये गीत ट्रेंड कर रहा है।

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