Unknown Facts About Lata mangeshkar: महान गायिका और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर रविवार को मुंबई में शांत हो गई। ‘भारत की कोकिला’ के रूप में जाने जानी वाली लता मंगेशकर ने अपने 70 साल से अधिक वर्षो के करियर में अपनी मधुर आवाज में गाए गीतों का खजाना छोड़ दिया है। महान भारतीय पार्श्व गायिकाओं में से एक मानी जाने वाली लता अपनी गीतों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेंगी।
आइए जानते हैं भारत की कोकिला के बारे में कुछ अज्ञात तथ्यों के बारे में-
-
लता मंगेशकर का असली नाम क्या है..?
लता मंगेशकर का जन्म मध्य प्रदेश के इन्दौर में सितम्बर 1929 में हुआ। उनके पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर और माता का नाम शेवंती था। लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे जबकि मां गुजराती थीं। लता मंगेशकर का असली नाम ‘हेमा हार्दिकर’ था। उनके पिता दीनानाथ के गांव का नाम मंगेशी था। इसी वजह से लता से उन्होंने भी अपने नाम के आगे मंगेशकर लगाया।
-
लता मंगेशकर का पहला गाना कौन सा था..?
- पहला फ़िल्मी गाना जो रिकॉर्ड हुआ – “नाचू या गडे, खेलू सारी मनी होस भाड़ी” ये सदाशिवराव नेवरेकर द्वारा वसंत जोगलेकर की मराठी फिल्म कीती हासाल (1942) के लिए लता ने गाया था लेकिन ये गाना मूवी के अंतिम कट से हटा दिया गया था।
- पहला फ़िल्मी गाना जो रिलीज़ हुआ – “नतालली चैतरची नवाली” – मराठी फिल्म “ताहि मंगला-गौर”(वर्ष 1942) नवयुग चित्रपट के बैनर तले , मास्टर विनायक द्वारा निर्मित, संगीत निर्देशक दादा चांदेकर थे। शंकर विष्णु चांदेकर – लता जी के पिता की ड्रामा कंपनी में हारमोनियम बजाया करते थे। सही मायने में ये लता का पहला प्लेबैक गाना था।
- पहला हिंदी गाना (मराठी फिल्म में) – “माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू” – फिल्म “गजभायु (सन्-1943)
- पहला हिंदी गाना (हिंदी फिल्म में) – “पांव लागूं कर जोरी”- फिल्म “आप की सेवा में”, वर्ष (1946), निर्माता “वसंत जोगलेकर”, संगीत निर्देशक “दत्ता डावजेकर”
-
लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की शादी..?
लता मंगेशकर घर की जिम्मेदारियां निभाने की वजह से ही शादी नहीं कर पाईं। इस बात का खुलासा खुद उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने सोचा कई बार था लेकिन अमल नहीं कर पाईं। जब लता मात्र 13 साल की थीं तभी उनके पिता का निधन हो गया था।
-
लता मंगेशकर गाना रिकॉर्ड करते समय क्यों बेहोश हो गई थीं..?
संगीतकार नौशाद के साथ एक गाना रिकॉर्ड करते समय लता एक बार बेहोश हो गई थीं। उन्होंने फ़र्स्टपोस्ट के साथ एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया और कहा, “हम गर्मीयों की दोपहर में एक गाना रिकॉर्ड कर रहे थे और मुंबई में गर्मी कैसी होती ये हम सभी जानते हैं। उन दिनों रिकॉर्डिंग स्टूडियो में एयर कंडीशनिंग नहीं थे। और यहां तक कि अंतिम रिकॉर्डिंग के दौरान सीलिंग फैन को भी बंद कर दिया गया था। जिस वजह से मैं बेहोश हो गयी थी।
-
लता दीदी ने अपने गाए गाने क्यों नहीं सुने..?
लता मंगेशकर ने एक बार बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए कहा था कि वो अपने गाए हुए गाने नहीं सुनती हैं क्योंकि उनको अपने गानों में हमेशा गलती नजर आती थी।
-
उनके पसंदीदा संगीत निर्देशक कौन थे..?
लता जी के शब्दों में, उन्होंने जिस सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के साथ काम किया और जिसके साथ उनका विशेष जुड़ाव था, वो मदन मोहन थे। उन्होंने 2011 के कलेक्टर के आइटम कैलेंडर ‘तेरे सुर और मेरे गीत’ में कहा, “मैंने मदन मोहन के साथ एक विशेष रिश्ता साझा किया, जो एक गायक और संगीतकार की तुलना में बहुत अधिक था। ये एक भाई और बहन का रिश्ता था।”
-
लता मंगेशकर ने राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में भी काम किया
लता दीदी का सन् 1999 से 2005 तक एक सांसद (संसद सदस्य) के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल था। उन्हें 1999 में राज्यसभा (उच्च सदन) के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने अपने कार्यकाल को बेकार बताया और दावा किया कि वो इसमें शामिल होने के लिए अनिच्छुक थीं।
-
लता मंगेशकर के फैन भारत समेत पूरी दुनिया में है
लता दीदी सिर्फ एक भारतीय गायिका नहीं थीं। उनकी सुरीली आवाज के दीवाने दुनिया भर में पाए जाते हैं। उन्हें पहले भारतीय के तौर पर प्रतिष्ठित रॉयल अल्बर्ट हॉल, लंदन में प्रदर्शन करने का सम्मान प्राप्त था। फ्रांस की सरकार ने उन्हें 2007 में लीजन ऑफ ऑनर के अधिकारी से सम्मानित किया, जो देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
-
लता मंगेशकर का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज किया गया था
सन् 1974 में लता मंगेशकर का नाम द गिनीज बुक में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाले के तौर पर किया गया। जिसका विरोध मोहम्मद रफ़ी ने किया और उसके बाद लता दीदी का नाम बुक से हटा दिया गया। फिर लता जी की बहन का नाम इस बुक में सबसे अधिक रिकॉर्डेड कलाकार के रूप में किया गया था।
-
लता जी ने अपने संगीत के करियर में ओपी नैयर के साथ कभी काम नहीं किया
अपने लंबे करियर में, लता ने महानतम भारतीय संगीतकारों और संगीत निर्देशकों के साथ काम किया, लेकिन उन्होंने ओपी नैयर के साथ कभी काम नहीं किया।
-
लता मंगेशकर ने आखिरी बार 2019 में गाना रिकॉर्ड किया था
लता मंगेशकर ने अपना आखिरी गीत ‘सौगंध मुझे इस मिट्टी की’ रिकॉर्ड किया, जिसे मयूरेश पई ने भारतीय सेना और राष्ट्र को श्रद्धांजलि के रूप में संगीतबद्ध किया था। इसे 30 मार्च, 2019 को जारी किया गया था।
ये भी पढ़ें- लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर शाहरुख खान ने मांगी दुआ तो मच गया हंगामा, जानिए क्या है पूरा मामला।