रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का न्योता लेकर VHP (विश्व हिन्दू परिषद) के पूर्व नेता उप-प्रधानमंत्री Lal Krishna Advani और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के आवास पर पहुंचे उन्हें न्योता देने| इसकी तस्वीर सामने आयी हैं, जिसमें संगठन के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को निमंत्रण पत्र सौंप रहे हैं|
आडवाणी और जोशी दोनों दशकों तक राम मंदिर आंदोलन में सक्रीय रूप से कार्यकर्त्ता रहे हैं|
VHP ने क्या दी मिलने के बाद जानकार?
VHP ने न्यूज़ में बताया कि दोनों वयोवृद्ध नेताओं ने आश्वासन दिया है की वो 22 जनवरी 2024 को अयोध्या आयेंगे और राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने का भी प्रयास करेंगे। पूर्व में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय ने कहा था कि आडवाणी जी का होना अनिवार्य है और वो ये भी कहेंगे कि वो कृपया न आएँ। उन्होंने पत्रकारों से पूछा था कि आपने आडवाणी जी को देखा है या नहीं, उनकी उम्र तक आप पहुँच भी पाएँगे या नहीं।
क्यों कहा था चंपत राय ने ये कठोर शब्द?
यह बता दे की लालकृष्ण आडवाणी जी 8 नवंबर 1927 को 96 वर्ष के हो गए हैं, उनकी उम्र को देखते हुए चंपत राय ने पत्रकार को ये कठोर शब्द कहे थे।
ये भी बता दे की 90 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी जी ने रथ यात्रा निकाल कर राम मंदिर आंदोलन को नया रूप दिया था। और बिहार में लालू यादव सरकार द्वारा उनकी गिरफ़्तारी कराना देश भर में चर्चा का विषय बना था।
क्या आयेंगे लालकृष्ण आडवाणी जी?
चंपत राय ने कहा था कि मुरली मनोहर जोशी से उनकी बात हुई है और वो फोन पर उन्हें यही कहते रहे कि आप मत आइए, लेकिन वो लगातार ज़िद करते रहे – मैं आऊँगा। बकौल चंपत राय, डॉ जोशी के साथ उनसे अच्छे संबंध शायद ही किसी के होंगे। हालाँकि, अब VHP ने साफ़ कर दिया है कि लालकृष्ण आडवाणी और डॉ मुरली मनोहर जोशी को निमंत्रण पत्र दिया गया है और दोनों कार्यक्रम में आने का प्रयास भी करेंगे।