दुनिया भर में कोरोनाप्रकोप के संकट से हम सब भलिभांति परिचित है। पूरी दुनिया इस समय इस घातक वायरस से लड़ने का भरपूर प्रयास कर रही है। वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत इस बीमारी से लड़ने में कारगर साबित हो रहा है। क्योंकि भारत ने कई कोरोना पीडित मामलों को ठीक करने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का उपयोग किया गया है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन क्या है ?
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, मलेरिया बीमारी में उपयोग में लाने वाली दवा है जिसका उपयोग मलेरिया तथा इससे संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए किया जाता है। यह अन्य बीमारियों जैसे संधिशोथ, ल्यूपस और पोर्फिरीया कटानिया टार्डा आदी के उपचार में भी सहायक होती है।
दुनिया भर में है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की मांग
दुनिया में चल रहे कोरोना संकट में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना पीडितों के उपचार में कारगर साबित हो रही हैं। भारत इस दवा का बड़ी संख्या में निर्यात करता है। लेकिन कोरोना के चलते भारत ने इसको निर्यात करने पर 25 मार्च को बैन लगा दिया था। जोकि इसकी बड़ती मांग को देखते हुए अब हटा दिया गया है। सरकार के माने तो यह दवा लोगों के उपचार में मदद करेगीं देश के साथ साथ इस दवा की जरूरत अन्य देशों को भी है।
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वहीं इस दवा की मांग दुनिया भर के कई देश कर रहें हैं जिनमें अमेरिका, ब्राजील, रूस, फ्रांस, जर्मनी, इजरायल और अबु धाबी शामिल हैं।
अमेरिका की बात करें तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल ट्रंप ने तो इस दवा को लेकर धमकी तक दे दी है, खबरों की माने तो ट्रंप ने कहा है कि अगर इंडिया इस दवा को देने में हमारी मदद नहीं करता है तो आने वाले समय में अमेरिका भी इंडिया की कोई मदद नहीं करेगा।
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इसी दवा को लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति पर मदद मांगी है, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कोरोनोवायरस महामारी पर एक टेलीफोन पर बातचीत हुई, बोलसनारो ने मोदी को एक पत्र लिखकर औषधीय दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति पर मदद मांगी।