ISRO: भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की तरफ से कुछ समय पहले ही चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग की गई और इसके बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने कई ऐसी जानकारी इसरो को भेजी जिससे हमें चांद के बारे में कई सारी चींजे समझने में आसानी हुई लेकिन इसके बाद चंद्रमा पर वापस रात हो गई थी,
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड पर भेज दिया गया था लेकिन जब दूसरी बार चांद पर दिन हुआ तब यह वापस से एक्टिव नहीं हुए और स्लीप मोड में ही रह गए लेकिन अभी भी ISRO ने उम्मीद नहीं छोड़ी है और इसी को लेकर इसरो ने एक बड़ी बात कही है।
चांद पर अभी भी काम कर रहा है ISRO का यह पेलोड
आपको बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को ले जाने वाला ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है,
यह ऑर्बिटर काफी अच्छे से काम कर रहा है और इसीलिए ISRO को इससे कई अहम जानकारियां भी प्राप्त हो रही है वही इस ऑर्बिटर में स्पेक्ट्रो पोलारिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लेनेट(SHAPE) नाम का पेलोड लगा हुआ है जो अभी भी एक्टिव है और अच्छे से काम कर रहा है।
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जानिए क्या काम करता है यह पेलोड
चंद्रयान-3 के ऑर्बिटर में लगा हुआ SHAPE पेलोड एक्सोप्लेनेट का अध्ययन करने का काम करता है और यदि आप एक्सोप्लैनेट के बारे में नहीं जानते हैं,
तो आपको बता दें की एक्सोप्लैनेट उन्हें कहा जाता है जो हमारे सौरमंडल के नहीं होते हैं लेकिन हमारे सूर्य की ही तरह किसी दूसरे सूर्य का चक्कर लगाते हैं और इसीलिए हम इस पेलोड की मदद से एक्सोप्लैनेट के बारे में कई जानकारी जान सकते हैं और इसकी मदद से हम दूसरे प्लानेट पर जीवन खोजने की कोशिश करते हैं।
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