पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट प्रभाष जेटली व NGT याचिका कर्ता राशिद नूर खान के बुलावे पर भोपाल के चंदनपुरा (Chandanpura Bhopal) क्षेत्र में हो रही अवैध कटाई का औचक निरीक्षण करने शुक्रवार को अचानक भोपाल पहुंचे। इस दौरान पूर्व सीएम ने चंदनपुरा इलाके की मैपिंग की। साथ ही चंदनपुरा में ही मास्टर प्लान में प्रस्तावित 24 मीटर रोड का निरीक्षण भी किया।
इस दौरान वे चंदनपुरा क्षेत्र के खसरा नम्बर 75 के उस स्थान पर भी पहुंचे जहां 12 मार्च 2020 को 203 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया था। गौरतलब है कि ने 6 फरवरी 2020 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने लगभग 375 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित वन बनाने का आदेश दिया है, लेकिन फिर भी मास्टर प्लान में यहां सड़क बनाले का प्लान कर दिया गया है।
एनजीटी के आदेश का पालन कैसे होगा इस पर करेंगे विचार : दिग्विजय
निरीक्षण के बाद पूर्व सीएम ने बताया कि मेरा इसमें इन्ट्रेस्ट ये है कि इस पूरे इलाके में जो टाईगर मूवमेंट होता है उसकी जो आबादी है वो सुरक्षित रहे, क्योंकि मैंने हमेशा से मेन एनिमल कान्फलीक्ट पर बहुत ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री रहते हुए, मंत्री रहते हुए भी और उसके बाद भी वन्य जीवों में मेरी रुचि रही है। हम चाहते हैं कि इसमें टाईगर मूवमेंट में कोई बाधा ना हो।
हमारे जो लोग हैं गांव वाले हैं जो इस इलाके में रहते हैं उनके मवेशी हैं वो भी सुरक्षित रहें, ताकि इस मेन एनीमल कोन्फलीक्ट को कंट्रोल कर सके। उन्होंने कहा कि मुझे राशिद भाई ने बताया है कि इस पूरे इलाके में जो टाईगर मूवमेंट होता है उसके क्षेत्र को एनजीटी ने संरक्षित वन करने के निर्देश दिये हैं। उसकी मैं जानकारी ले रहा हूं और यदि ऐसे आदेश हुए हैं तो उसका पालन हम लोग कैसे करायें ताकि उसका निराकरण हमलोग करवा सकें।
पूर्व सीएम ने इस दौरान भाजपा सरकार पर माफियाओं को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया और कहा कि भाजपा हर तरह के माफियाओं को पनाह देती है।
18 बाघों के मूवमेंट क्षेत्र में सड़क बना रही सरकार : जेटली
संरक्षित वन क्षेत्र को लेकर बाघ मित्र प्रभाष जेटली ने पूर्व सीएम को बताया कि इस क्षेत्र में करीब 18 बाघों का मूवमेंट है जो कि वन विभाग में अधिकृत रूप से पंजीबद्ध हैं। जेटली ने बताया कि वर्तमान में इस संरक्षित वन में एक बाघिन अपने 3 शावकों के साथ भ्रमण कर रही है और ये क्षेत्र अब बाघों के नैसर्गिक प्रजनन का क्षेत्र बन गया है।
साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 2018 की टाइगर सेन्सस गणना के आधार पर 20 अप्रैल 2020 को रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। जिसमें मध्य भारत के वर्णन में राजधानी भोपाल में बाघों के भ्रमण की बात वर्णित की गई।
काटा जा रहा है जंगल लगाई जा रही है आग : राशिद नूर
बाघ भ्रमण क्षेत्र के संरक्षण की लड़ाई लड़ रहे NGT याचिकाकर्ता राशिद नूर खान ने बताया कि NGT के मैपिंग के फाइनल आदेश के बाद बाघ भ्रमण क्षेत्र को खत्म करने के लिए पिछले साल लॉक डाउन के दौरान बड़े स्तर पर 3 बार जंगल काटा गया और 2 बार जंगल में आग लगाई गई। ये न सिर्फ NGT के आदेशों का सीधा उल्लंघन है बल्कि बाघ भ्रमण क्षेत्र में अतिक्रमण का भी मामला है।
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