Eco-Plastic एक प्रकार का प्लास्टिक है जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ डिज़ाइन किया गया है। यह प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास करता है।इको-प्लास्टिक का निर्माण मुख्यतः जीवाणुपाती सामग्री से किया जा सकता है, जैसे कि खुदाई से प्राप्त किया जाने वाला स्टार्च, फसलों व पेड़ पोधों से प्राप्त जैविक अपशिष्ट, कीटाणुओं की कॉलोनियों, या अन्य प्राकृतिक स्रोतों से उत्पादित प्लास्टिक।
यह Eco-Plastic बायोडिग्रेडेबल होता है, जिसका मतलब है कि यह प्राकृतिक प्रक्रियाओं के द्वारा बिघड़ सकता है।इको-प्लास्टिक का उपयोग प्लास्टिक की जगह पर कई उत्पादों और पैकेजिंग में किया जाता है, जैसे कि बायोडिग्रेडेबल बैग, कवर कप और अन्य सामग्री।यह एक प्राकृतिक और सावधानिक विकल्प प्रदान करता है जो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करता है और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।इको-प्लास्टिक के उपयोग से हम प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों से बच सकते हैं और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
कैसे बनता है गेहूं भूसे से Eco-Plastic
गेहूं के भूसे से Eco-Plastic को बनाने के लिए कई प्रक्रियाओ का पालन किया जाता है जो इस प्रकार है। गेहूं के भूसे से ईको-प्लास्टिक बनाने के लिए पहले गेहूं के भूसे का उचित स्रोत चुना जाता है। गेहूं भूसा को सूखाया जाता है ताकि इसकी नमी कम हो जाए। फिर इसे छोटे टुकड़ों में कटा जाता है। गेहूं की फसल में लिग्निन नाम का तत्व होता है, जिसे चीनी में मिलाकर बायो-प्लास्टिक में बदला जाता है।
प्लास्टिक बनाने के लिए सबसे पहले लिग्निन को तोड़ा जाता है, इसे मिट्टी में पाए जाने वाले रोडोकोकस जोस्टी नामक बैक्टीरिया से तोड़ा जाता है। टूटने के बाद इसे चीनी के साथ मिलाकर कैमिकल प्रक्रिया के माध्यम से प्लास्टिक में परिवर्तित किया जाता है। कुछ क्यूटिकल्स का उपयोग किया जा सकता है, जो गेहूं भूसे को प्लास्टिक रूप में बदल देते हैं। इको-प्लास्टिक की बनाने की प्रक्रिया के दौरान इसे उचित रूप में मोल्ड किया जाता है और बनाया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से गेहूं भूसे से ईको-प्लास्टिक बनाया जा सकता है, जो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के दिशा में एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
इको-प्लास्टिक की कुछ मुख्य विशेषताएँ
- Eco-Plastic बाक्टीरिया, जैव घटक, या अन्य प्राकृतिक स्रोतों से बनाया जा सकता है, जिससे यह प्लास्टिक इको-फ्रेंडली होता है।
- ईको-प्लास्टिक को जीवाणुपाती सामग्री के साथ मिलाकर तैयार किया जा सकता है, जिससे यह प्राकृतिक रूप से बिघड़ सकता है और जीवाणुपाती प्रक्रियाओं के द्वारा तोड़ा जा सकता है।
- ईको-प्लास्टिक का उपयोग सिंथेटिक प्लास्टिक के बजाय कई उत्पादों और पैकेजिंग में किया जा सकता है।
- ईको-प्लास्टिक का उपयोग करके प्लास्टिक प्रदूषण को कम किया जा सकता है और पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकता है।
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गेहूं के भूसे से बने ईको-प्लास्टिक के फ़ायदे
- गेहूं के भूसे से बने Eco-Plastic नवीकरणीय और टिकाऊ है।
- ये पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है यानि यह नष्ट होकर मिट्टी में मिल जाता है जिससे पर्यावरण को किसी तरह की हानि नहीं होती है।
- Eco-Plastic ग्लूटेन मुक्त होते है साथ ही इसे साफ़ करना आसान है और इस प्लास्टिक से बने उत्पाद मज़बूत होते हैं।
- इसमें किसी तरह की कोई गंध नहीं होती और फफूंदी भी नहीं लगती।
- इसमें 100 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान वाले गर्म तरल पदार्थ को संभाल सकता है।
- गेहू का भूसा प्राकृतिक होतो है इसलिए उसका उत्पादन करने में बहुत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जबकि कृत्रिम प्लास्टिक के उत्पादन में अधिक ऊर्जा की खपत होती है जिसके कारण कार्बनडाई ऑक्साइड का भी उत्सर्जन ज़्यादा होता है, जो पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है।
- किसान गेहूं के भूसे से उत्पाद बनाकर बाज़ार में बेच सकते हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो सकती है।
- Eco-Plastic यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के दिशा-निर्देशों का पालन करता है।
- ईको-प्लास्टिक के निर्माण से किसानों को अपशिष्ट प्रबंधन नहीं करना पड़ेगा और पुआल जलाने से होने वाला वायु प्रदूषण को भी कम किया जा सकता है।
- Eco-Plastic को माइक्रोवेव और फ़्रीज़र में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सिंगल यूज़ प्लास्टिक की तरह इसका एक ही बार इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
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