Agriculture

नीम से बनाएं जैविक कीटनाशक, जाने इसे बनाने की विधि और 10 लाभकारी फायदे।

नीम जैविक कीटनाशक

नीम से जैविक कीटनाशक: वर्तमान समय में किसान अपने खेतों में अच्छी पैदावार पाने के लिए बड़ी मात्रा में रासायनिक उर्वरकों और खाद का उपयोग करते हैं। ऐसे में इन उर्वरकों का उपयोग करके उगाए गए फल, सब्जियां और अनाज का सेवन शरीर में बीमारियों का कारण बनता है और पर्यावरण प्रदूषण का भी कारण बनता है। बाजार में इनकी कीमत भी काफी ज्यादा है। ऐसे में अगर किसान जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें तो इससे न केवल उनकी खेती की लागत कम होगी बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जैविक कीटनाशक में रासायनिक उर्वरकों या उर्वरकों का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया जाता है।

केवल प्राकृतिक खाद का ही उपयोग किया जाता है। इसका उत्पादन सस्ता भी है और रासायनिक कीटनाशकों की तुलना में यह कहीं अधिक प्रभावी भी है। जैविक कीटनाशक पर्यावरण की रक्षा में भी  काफी मदद करती है। इसीके चलते आज हम आपको प्राकृतिक कीटनाशक जो नीम से तैयार होता है उसे बनाने की विधि बता रहे हैं ताकि आप इसे घर पर ही कम खर्च में इसे स्वयं तैयार करके इसका लाभ उठा सकें।

नीम जैविक कीटनाशक

नीम: नीम का पेड़ प्रकृति का एक अनुपम उपहार है। नीम के उत्पादों का कीट नियंत्रण बेजोड़ है, यही कारण है कि नीम की दवाओं को दुनिया में सबसे अच्छा कीट नियंत्रण उत्पाद माना जाता है। लेकिन अब लोग इसकी उपयोगिता के बारे में भूलते जा रहे हैं। अब बड़ी-बड़ी कंपनियाँ इसका फायदा उठाती हैं और इसके फूलों और पत्तियों से बने कीटनाशकों को ऊँचे दामों पर बेच रही हैं।

कीटनाशक बनाने की विधियां

नीम जैविक कीटनाशक

नीम के द्वारा आप कई तरह से जैविक कीटनाशक बना सकते हैं। नीम के द्वारा कीटनाशक बनाने की प्रक्रिया काफी आसान और लाभकारी है और इसे बनाने का खर्च बेहद कम है। इसे आप घर पर ही आसानी से तैयार कर सकते है।

  1. नीम की पत्तियों से बना जैविक कीटनाशक

सबसे पहले नीम की पत्तियों को इकट्ठा करके छाया में सुखा लें। जब पत्तियां पूरी तरह से सूख जाएं तो उन्हें रात भर पानी में भिगो दें। फिर पौधों पर नीम की पत्तियों वाले पानी का छिड़काव करें। इस प्रकार के छिड़काव के बाद फसल पर कीटों का आक्रमण नहीं होता है। इस पानी का उपयोग कई पौधों के लिए किया जा सकता है। पौधों को नुकसान से बचाने के लिए इस नीम के घोल का छिड़काव किया जा सकता है। इस प्रकार, नीम की पत्तियों को पानी और नीम के तेल के साथ छिड़कने से कीट के संक्रमण को कम किया जा सकता है।

  1. नीम की खली से बना जैविक कीटनाशक

नीम की खली से कीटनाशक बनाने के लिए आपको 5 किलो नीम की खली या 3 किलो कटी हुई नीम की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद 5 किलो नीम की खली या 3 किलो कुचली हुई नीम को लगभग 15-16 लीटर पानी में 3 दिन तक भिगोया जाता है. इसके बाद चौथे दिन 100 ग्राम धतूरे का रस और 250 ग्राम हरी मिर्च को पीसकर लगभग 3 लीटर अर्क निकाल लें। फिर 1.5 लीटर अर्क को 15 लीटर शुद्ध पानी में मिलाकर सुबह पौधों पर छिड़काव करें।

ऐसा कहा जाता है कि यह पौधों और पत्तियों पर हमला करने वाले मच्छरों और एफिड्स जैसे कीटों के खिलाफ बहुत प्रभावी है। इस कीटनाशक का प्रयोग करते समय यह याद रखें कि इस कीटनाशक का प्रयोग केवल एक माह पुराने पौधों पर ही किया जाना चाहिए।

  1. नीम और गोमूत्र से बना कीटनाशक

गोमूत्र और नीम से बने जैविक कीटनाशक सर्वोत्तम कीटनाशक माने जाते हैं। इसे तैयार करने के लिए आपको 20 लीटर देसी गाय का मूत्र, 2.5 किलो निंबुली या नीम की पत्ती का पाउडर, 2.5 किलो धतूरे की पत्तियां, 2.5 किलो अर्कमदार की पत्तियां, 2.5 किलोग्राम कद्दू या सीताफल के पत्ते, 750 ग्राम तक तंबाकू पाउडर और लगभग 1 किलोग्राम लाल मिर्च पाउडर की आवश्यकता होगी। कीटनाशक बनाने के लिए सबसे पहले किसी स्थानीय बैल या गाय का लगभग 20 लीटर मूत्र एक कंटेनर में डालें, उसमें 2.5 किलो निम्बोली या नीम की पत्तियां पीसकर मूत्र में मिला दें।

इस मिश्रण में लगभग 2.5 किलोग्राम धतूरे की पत्तियों को पीसकर चटनी बना लें और हिला लें। 2.5 किलो अर्कमदार के पत्तों के बाद इस घोल से चटनी बनाकर उसी कन्टेनर में मिला दीजिये. फिर इसमें 2.5 किलो कद्दू या सीताफल की पत्तियां काट कर मिला लें. इस मिश्रण में लगभग 750 ग्राम तम्बाकू पाउडर मिलाएं और लगभग 1 किलो लाल मिर्च पाउडर डालें. तो इन सभी पेड़ों की पत्तियों को पीसकर तैयार मिश्रण में मिला लें और फिर इन्हें अच्छे से उबाल लें। फिर इसे ठंडा कर लें।

इस प्रकार जैविक कीटनाशक पूरी तरह तैयार हो जाता है। तैयार कीटनाशक का उपयोग करने के लिए आपको 1 लीटर कीटनाशक को लगभग 20 लीटर पानी में मिलाना होगा।यदि आप लगभग 10 लीटर कीटनाशक का उपयोग करते हैं, तो आपको इसे 200 लीटर पानी के साथ मिलाने की भी आवश्यकता होगी। पानी मिलाने के बाद आप तैयार मिश्रण को उत्पादों पर छिड़क सकते हैं. छिड़काव के 1-2 दिन के अंदर ही असर दिखने लगता है। आप देख सकते हैं कि कोई भी कीट उत्पाद तक न पहुंचे। कीड़े गायब हो गए हैं.

Read Also: क्या है वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) खाद और ये कैसे बनाई जस्ती है, जाने इसके 15 फायदे?

नीम कीटनाशकों के उपयोग के लाभ

नीम जैविक कीटनाशक

  1. नीम से जैविक कीटनाशक बनाना सस्ता है।
  2. महंगे रासायनिक कीटनाशक खरीदने की जरूरत नहीं।
  3. वे एक पौधे के उत्पाद से बने होते हैं जो मिट्टी में मिश्रित होने पर टूट जाते हैं और उनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
  4. ये जैविक कीटनाशक केवल लक्षित कीड़ों और बीमारियों को मारते हैं मित्र कीड़ों को नहीं।
  5. खेतों में इन जैविक कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों की जैविक प्रकृति में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
  6. जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करने के बाद इन्हें फलों, सब्जियों आदि की कटाई के तुरंत बाद प्रयोग किया जा सकता है।
  7. ये जैविक कीटनाशक पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
  8. यह जैविक कीटनाशक अत्यंत पर्यावरण एवं पर्यावरण अनुकूल है।
  9. इस जैविक नीम कीटनाशक का उत्पादन करके आप इसे बेच भी सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
  10. नीम से बना जैविक कीटनाशक किसी भी प्रकार से हानिकारक या घातक नहीं होता है।

Read Also: तरल नैनोक्ले तकनीक के जरिए रेतीली मिट्टी को कैसे बनाये उपजाऊ?

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp