Trending

जापान में 7.4 तीव्रता का भूकंप:सुनामी का अलर्ट जारी, 16 फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं; रिंग ऑफ फायर में था केंद्र

Earthquake in Japan

Earthquake in Japan. साल के पहले ही दिन जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इसके बाद जापानी अथॉरिटी ने सुनामी की चेतावनी जारी की है और तटीय एरिया से लोगों को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है। इससे पहले साल 2011 में भयंकर सुनामी ने जापान में भारी तबाही मचाई थी।

फुकुशिमा प्लांट पर पैनी नजर

जापान के मीडिया के मुताबिक फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट पर पैनी नजर रखी जा रही है। दरअसल, जापान में मार्च 2011 में 9 तीव्रता वाले भूकंप के कारण जबर्दस्त सुनामी आई थी। तब उठी सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को तबाह कर दिया था।

इसे पर्यावरण को नुकसान के लिहाज से बड़ी घटना माना गया था। तब समुद्र में उठी 10 मीटर(Earthquake in Japan) ऊंची लहरों ने कई शहरों में तबाही मचाई थी। इसमें करीब 16 हजार लोगों की मौत हुई थी।

जापान में सुनामी की चेतावनी जारी(Earthquake in Japan)

Earthquake in Japan

Earthquake in Japan

जापान मेट्रोलॉजिकल एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की है और कहा है कि करीब 5 मीटर यानि 16 फीट कर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इसी वजह से तटीय क्षेत्र इशिकावा, निगाटा और टोयामा से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। जापानी न्यूज एजेंसी एनएचके ने रिपोर्ट दी है कि समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और भारी तबाही मच सकती है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर खौफ साफ देखा जा सकता है। पूरे जापान में अथॉरिटी ने अलर्ट जारी कर दिया है।

2011 की सुनामी का भयानक मंजर

करीब 12 साल पहले यानि 2011 में जापान में भयंकर सुनामी आई थी, जिसकी वजह से 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। तब फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट भी पूरी तरह से तबाह हो गया था। पूरी दुनिया ने इसे सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा माना था। उस वक्त समुद्र में करीब 10 मीटर ऊंची लहरें उठी थी जिसने जापान में तबाही मचा दी थी।

रिंग ऑफ फायर पर बसा है जापान, क्या है जापान का रिंग ऑफ फायर

जापान भूकंप के सबसे ज्यादा सेंसेटिव एरिया में है। यहां भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। इशिकावा प्रान्त, जहां भूकंप आया है, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर, के करीब स्थित है।

रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स(Earthquake in Japan) भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वॉल्केनो भी फटते हैं।

भूकंप और सुनामी में क्या अंतर है?

कभी-कभी समुद्र के नीचे भ्रंशों पर भी भूकंप आते हैं। यदि कोई भूकंप समुद्र तल को ऊपर-नीचे हिलाकर परेशान करता है, तो भूकंप की ऊर्जा पास के समुद्र तट पर बड़ी लहरों में योगदान कर सकती है, जिसे सुनामी कहा जाता है।

2011 में जापान में सुनामी का कारण क्या था?

भूकंप का केंद्र 24 किलोमीटर की गहराई पर था। इतने तेज भूकंप ने पूर्वोत्तर जापान को हिलाकर रख दिया था। इसके करीब 20 मिनट बाद सुनामी लहरें उत्तर के होककाइदो और दक्षिण के ओकीनावा द्वीप से टकराईं और वहां भारी तबाई मची। इस दौरान 15,000 से ज्यादा लोग मारे गए।

सुनामी का दूसरा नाम क्या है?

सुनामी जापानी शब्द है जो सू और नामी से मिल कर बना है सू का अर्थ है समुद्र तट और नामी का अर्थ है लहरें होता है और सुनामी का दूसरा नाम हार्बर लहरें माना जाता है।

सबसे खतरनाक सुनामी का नाम क्या है?

1958 में अलास्का के लिटूया बे क्षेत्र में सबसे बड़ी सुनामी आई थी। इसका असर 80 किमी दूर तक हुआ था। इस भूकंप को मेगा सुनामी का नाम दिया गया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे की स्टडी के अनुसार, लुटिया बे में मेगा सुनामी से पहले 1936, 1899, 1874 और 1853 में भी ऐसी लहरें उठी थीं, जिनकी तीव्रता अधिक थी।

सबसे ज्यादा सुनामी कहाँ आती है?

अक्सर समुद्री भूकम्पों की वजह से ये तूफ़ान पैदा होते हैं। प्रशान्त महासागर में बहुत आम हैं, पर बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर व अरब सागर में नहीं।

Also Read: Paush Amavasya 2024: अमावस्या के दिन इन बातों का रखें ध्यान, होगा कल्याण

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp