Holi Harmful Color: होली का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है, जिसमें लोग सारे गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं। होली के लिए बाजार रंगों से सज गए हैं और लोगों में कलर खरीदने को लेकर खूब उत्साह देखने को मिल रहा है।
एक बार फिर से बाजार में फिर से रौनक देखने को मिल रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि मार्केट में कुछ कलर इस तरह के भी बेचे जा रहे हैं, जिनसे कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
बाजार में हर्बल रंग के नाम पर मिल रहा कलर में मिलावट कर बेचा जा रहा है। इससे आपको गंभीर बीमारी हो सकती है। इतना ही नहीं, हर्बल कलर बहुत महंगा भी मिलता है, जिसके नाम पर खूब पैसा वसूला जाता है।
कैंसर रोग होने का डर!
बाजार में मिलने वाले खतरनाक रंगों से आपको कैंसर रोग से भी जूझना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें बहुत तादात में केमिकल मिलाया जा रहा है, जो इंसानों के लिए ठीक नहीं है।
अगर आप भी Holi के लिए रंग की खरीददारी करने के लिए जा रहे हैं, तो पहले ही सावधान हो जाएं और जान लीजिए कि कौन से कलर अच्छे हैं और कौन बेकार। कलर्स को लेते वक्त आपको एक बात का ध्यान रखना है कि वो केमिकल वाला ना हो।
बच्चों को इन रंगों से स्किन प्रोब्लम
बच्चों के लिए त्यौहार एक अलग ही माहौल बनाते हैं। होली पर बच्चों के मन में काफी उत्साह देखने को मिलता है। किंतु आपको यह ध्यान रखना होगा कि बच्चों को ही इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ता है।
बच्चों की त्वचा बहुत ही नाजुक होने से केमिकल को यह सोख लेती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों को सही रंग से ही Holi खेलने दें।
Holi पर 3 रंग से अलर्ट रहें
- बता दें कि सिल्वर रंग से Holi खेलना कुछ लोगों को बहुत मजा आता है, लेकिन यह बेहद खतरनाक भी है। सिल्वर रंग बहुत पक्का किस्म का होता है, जिसे चमकदार बनाने के लिए एल्यूमीनियम ब्रोमाइड मिलाया जाता है। इससे स्किन कैंसर की परेशानी हो सकती है। इसलिए इस रंग से हो सके तो दूर ही रहना चाहिए।
- किसी भी तरह के चमकीले कलर से आपको बचकर रहना चाहिए। वो इसलिए क्योंकि इसे चमकीला बनाने के लिए लैड मतलब शीशा को मिलाकर बनाया जाता है। इससे शरीर में एलर्जी की शिकायत होने लगती है। इससे शरीर पर रेशे और खुजली की समस्या भी हो सकती है। बच्चों को इस तरह के कलर से दूर ही रहने दें।
- इसी तरह एक और कलह है, वो है डार्क कलर यानी गहरा रंग कुछ बैगनी और इसी तरह के कलर काफी बेकार किस्म के होते हैं। Holi
- इस Holi हर्बल गुलाल बनाने की नई विधि आई सामने, अब गाय के गोबर से बनेंगे गुलाल इसे डार्क बनाने में कॉपर सल्फेट का इस्तेमाल किया जाता है। यह आंखों के लिहाज से बहुत खतरनाक होता है। इससे आंख की रोशनी भी जा सकती है और आप अंधे भी हो सकते हो।
आपको चाहिए कि सही रंग का चुनाव करके ही आप Holi खेलें। होली खेलने के बाद तुरंत गुनगुने पानी से नहाना चाहिए, जिससे रंग निकल जाए।
जब तक रंग नहीं जाता तक तक आपको सही फेशवॉश और क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। नारियल और सरसों का तेल भी काफी फायदेमंद होता है।
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