अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत से द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह ठप्प हो गया है। नतीजा यह हुआ है कि वहां से आयात होने वाले सामान के दामों में अचानक से तेजी आ गई है। भारत अफगानिस्तान के ड्राय फ्रूट्स का सबसे बड़ा आयातक देश है। देश में आने वाले बादाम (Almond), अखरोट (Walnut), किशमिश (Raisin), अंजीर (Fig), पिस्ता (Pistachio), मुनक्का और पाइन नट (Pine nut) का बड़े पैमाने पर आयात अफगानिस्तान से होता है।
साथ ही साथ हींग (Asafoetida), जीरा (Cumin) और केसर (Saffron) का आयात भी अफगानिस्तान से किया जाता है, लेकिन अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही ड्राय फ्रूट के कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। हालात यह हैं कि एक हफ्ते के मामूली से अंतर में ही ड्राय फ्रूट के दामों में बढ़ी तेजी आ गई है।
आगे और महंगा हो सकता है ड्राय फ्रूट:
रक्षाबंधन और कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भोपाल में ड्राय फ्रूट्स की मांग बढ़ी हुई है, लेकिन अफगानिस्तान से पर्याप्त मात्रा में आवक न हो पाने के कारण पहले से ही मौजूद माल के दामों में अचानक बढ़ोत्तरी हो गई है।
ड्राय फ्रूट व्यापारियों की मानें तो एक हफ्ते में ही ड्राय फ्रूट के दाम में 200 से 250 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। फिलहाल त्योहार के कारण ड्राय फ्रूट की खपत भी तेज बनी हुई है।
वहीं अभी माल की आपूर्ति दिल्ली से हो रही है। ऐसे में यदि अगले कुछ सप्ताह में अफगानिस्तान से व्यापार शुरू नहीं हुआ, तो मार्केट में ड्राय फ्रूट्स की शॉर्टेज हो सकती है और ऐसे में दामों में और तेजी आने की संभावना है।
हींग और जीरे का भी होता है आयात :
इसके अलावा अफगानिस्तान से आयात होने वाले हींग और जीरे के दामों में भी तेजी देखी गई है। बाजार की मानें तो पिछले एक सप्ताह में हींग के दामों में 500 रुपए तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। राजधानी भोपाल में प्रतिदिन 20 से 25 किलो हींग की खपत होती है। वहीं आने वाले दिनों में यदि हींग की शॉर्टेज हुई तो लोगों को बिना तड़के वाली दाल ही खाना पड़ सकती है।
भोपाल में 3 हजार किलो की खपत होती है रोजाना :
पिछले कुछ वर्षों में सामने आए मिलावटी मावे के मामले के कारण लोग त्योहारों पर अपने रिश्तेदारों को ड्राय फ्रूट देना पसंद करते हैं। वहीं कोरोना काल में भी लोगों में सेहत के प्रति जागरुकता आई है। इसलिए लोग सूखे मेवों का सेवन करना खासा पसंद करते हैं, लेकिन अचानक सिर पर खड़े हुए इस संकट के कारण लोग शायद ड्राय फ्रूट्स से दूरी बना लेंगे।
ड्राय फ्रूट के कारोबार से जुड़े व्यापारियों की मानें तो आम दिनों में भोपाल में लगभग 3 हजार किलो सूखे मेवों की खपत होती है। वहीं त्योहारी सीजन में रोजाना 6000 किलो सूखे मेवे बिकते हैं।
और बढ़ सकते हैं दाम :
ड्राय फ्रूुट के थोक विक्रेता कमल वाधवानी की मानें तो अगर आगे भी यही हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में ड्राय फ्रूट्स के दामों में और तेजी देखने को मिल सकती है। फिलहाल अफगानिस्तान के हालातों को देखते हुए संशय बना हुआ है कि भारत में अफगानिस्तान से ड्राय फ्रूट आएंगे या नहीं।
एक हफ्ते में ड्राय फ्रूट्स की कीमतों में आया उछाल :
सूखे मेवे का नाम एक हफ्ते पहले की दर वर्तमान दर (प्रति किलो)
1. पिस्ता 1300 1500
2. बादाम अफगानी 1300 1500
3. किशमिश कंधारी 260 380
4. अंजीर 1300 1500
5. मुनक्का 350 550
6. हींग 2000 2500
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