गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगो में पंजाबी अभिनेता और गायक दीप सिद्धू की अहम भूमिका मानी जा रही है। किसानों का कहना है कि दीप सिद्धू के द्वारा ही किसान संघों को लाल किले पर मार्च करने और सिख धर्म के ध्वज को ‘निशान साहिब’ फहराने के लिए उकसाया गया था।
शांतिपूर्ण किसान आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि “दीप सिद्धू ने युवाओं को आंदोलन करने और इसे एक अलग रंग देने के लिए उकसाया। उन्होंने हमारे आंदोलन को नुकसान पहुंचाया और हमें नहीं पता कि वे किसके लिए काम कर रहे हैं।” मंगलवार को सोशल मीडिया पर राउंड करने वाले वीडियो में, सिद्धू को लाल किले पर खालसा झंडा और मजदूर एकता के समर्थन में नारे और खालसा के नारे लगाते हुए देखा गया।
PROFANITY ALERT: Watch farmers confronting BJP stooge Deep Sidhu. He was the one who created violence at Red Fort & tried to laid seige. He panics and runs away as farmers question his motive.
Why he hasn’t been arrested? Why he was allowed to escape after he created violence? pic.twitter.com/HfDPKmdQtu
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) January 27, 2021
Deep Sidhu is something else ⚔️???? pic.twitter.com/yMStkNkiEJ
— ???? (@prabzdosanjh) January 26, 2021
लाल किले पर हुई हिंसा की व्यापक निंदा की जा रही है। किसान यूनियनें खुद को सिद्धू से अलग करने के लिए तत्पर हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने खालिस्तानी आंदोलन का समर्थन किया। दीप अक्सर खालिस्तान के मांग करने प्रमुख आदमी जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थन करते दिखाई देते हैं।
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