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कांग्रेस के दो दिग्गजों दिग्विजय और कमलनाथ में पद को लेकर शह और मात का खेल जारी 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ उनकी ही पार्टी कांग्रेस में लामबंदी होती नजर आ रही है। दरअसल नाथ के खिलाफ कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में ठाकुर नेता लगातार एक होते जा रहे हैं। दरअसल कमलनाथ वर्तमान में पार्टी के दो बड़े पदों पर काबिज हैं। एक ओर वे मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हैं। वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष का पद भी उन्होंने अपने कब्जे में ले रखा है।

ठाकुर नेता एक पद पर अपना कब्जा चाहते हैं, जिसे लेकर नाथ पर बयानबाजी करने से भी नहीं चूकते। गत दिनों पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे और कांग्रेस के वरिष्ठ ठाकुर नेता अजय सिंह ‘राहुल भैया’ ने नाथ पर हमला करते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार गिरने के लिए नाथ स्वयं जिम्मेदार हैं, न कि विंध्य।

दिग्गी के इशारे पर हमले कर रहे ‘राहुल भैया’ : 
दरअसल नाथ का नेता प्रतिपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष पद पर काबिज रहना कई लोगों को रास नहीं आ रहा है। पार्टी से जुड़े हुए सूत्रों की मानें तो एक पद छोड़ने को लेकर दिग्गी सहित कई नेताओं ने उन पर दबाव बनाया, लेकिन जब नाथ के सामने किसी की दाल नहीं गली, तो राजा साहब उनसे दूर हो गए और जिसके बाद अजय सिंह नाथ की सार्वजनिक रूप से आलोचना कर रहे हैं।


माना जा रहा है कि यह आलोचना वे दिग्विजय सिंह के इशारे पर कर रहे हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह ने 3 जून को सतना में हुए एक कार्यक्रम में नाथ की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि अपनी अक्षमता का ठीकरा विंध्य पर न फोड़ें। 2020 में सरकार गिरने का कारण विंध्य नहीं बल्कि कमलनाथ खुद थे।

नाथ को दी संयम रखने की सलाह : 
लगभग दो सप्ताह पहले कमलनाथ अपने विंध्य दौरे पर गए थे और इस दौरान उन्होंने मैयर में एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया था। इस दौरान पूर्व सीएम ने कांग्रेस की सरकार गिरने का ठीकरा विंध्य पर फोड़ा था। इस पर अजय सिंह ने कहा था कि कमलनाथ विंध्य का अपमान कर रहे हैं।

वहीं भारत को ‘महान देश की जगह बदनाम देश’ बताने वाले बयान पर भी अजय सिंह ने नाथ की आलोचना की है और कहा है कि नाथ ऐसे शब्द न बोलें जिससे भाजपा काे फायदा मिले। वहीं उन्होंने नाथ को संयम रखने की भी सलाह दी है।

सिंघार को बनाना चाहते थे नेता प्रतिपक्ष : 
जानकारों की मानें तो नाथ गंधवानी विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष के पद पर काबिज करना चाहते थे, लेकिन अचानक हुए सोनिया भारद्वाज कांड से कमलनाथ रुक गए। यदि सोनिया भारद्वाज कांड न होता तो कमलनाथ इसकी घोषणा भी कर देते, लेकिन तेजी से हुए घटनाक्रम के कारण सारे समीकरण बदल गए।


गौरतलब है कि सिंघार पहले सिंधिया खेमे में जुड़े हुए थे, लेकिन सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद उन्होंने नाथ का हाथ पकड़ लिया। इसके अलावा वे एक बार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर भी गंभीर आरोप लगा चुके हैं।

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