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बक्सवाहा के जंगलों को बचाने बिहार से बक्सवाहा तक 800 किमी की साइकिल यात्रा कर रहे हैं बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र

बक्सवाहा के जंगलों को बचाने का अभियान अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। इसी तारतम्य में पीपल नीम तुलसी अभियान और टीम मुजफ्फरपुर के बैनर तले बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University) के छात्र सिद्धार्थ झा (Siddharth Jha) मुजफ्फरपुर, बिहार से मप्र के बक्सवाहा तक 800 किमी की साइकिल यात्रा (Cycle Rally) कर रहे हैं।

यह साइकिल यात्रा 24 जुलाई से मुजफ्फरपुर से शुरू होकर पटना, आरा, बनारस, मिर्जापुर, प्रयागराज और बांदा होते हुए मप्र के छतरपुर में प्रवेश करेगी। यहां से साइकिल यात्रा बक्सवाहा के जंगलों के और कूच करेगी। इस साइकिल यात्रा का उद्देश्य बक्सवाहा के मुद्दे को राष्ट्रीय मंच पर उठाना है। इस साइकिल यात्रा की अगुवाई बीएचयू के सिद्धार्थ झा कर रहे हैं। वहीं उनके साथ राजीव चौहान (Rajeev Chauhan) भी इस यात्रा में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। 

सूखे की समस्या के प्रति करेंगे जागरूक : 
इस साइकिल यात्रा में दोनों युवा सारे रास्ते लोगों को लंबे समय से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में कम बारिश की समस्या के प्रति जागरूक करते हुए आ रहे हैं। भारत में खेती मानसून पर निर्भर है। छतरपुर, सागर, पन्ना और दमोह जिला आपस में वन क्षेत्र के द्वारा जुड़े हुए हैं।ऐसे में यदि इस क्षेत्र में इतने बड़े स्तर पर जंगलों का दोहन होगा तो भविष्य में यहां मानसून प्रभावित हो सकता है।


वैसे भी बुंदेलखंड मप्र के सबसे सूखे क्षेत्रों में गिना जाता है। ऐसे में इतने बड़े स्तर पर वनों का दोहन भविष्य में यहां होने वाली बारिश को प्रभावित कर सकता है। वहीं दोनों छात्र इस दौरान सघन वनों से भी गुजरेंगे। इस दौरान दोनों यहां रहने वाले आदिवासी लोगों को वनों की कटाई रोकने के लिए जागरूक करेंगे। 

वन कटने से रेगिस्तान बन जाएगा बक्सवाहा : 
वनों की कटाई को लेकर डॉ. धर्मेन्द्र कुमार (Dr. Dharmendra Kumar) का कहना है कि यदि हीरे निकलने से यदि मप्र संपन्न हो जाता तो पन्ना जिले में पहले से ही हीरे की खदाने हैं। लेकिन इसके बावजूद आज तक यह जिला संपूर्ण विकास को तरस रहा है। हीरे से आम लोगों का कुछ भी भला नहीं होने वाला है। बल्कि इसके विपरीत केवल सरकार को ही राजस्व की आय प्राप्त होगी और सरकार ही तय करेगी कि वो बक्सवाहा से प्राप्त राजस्व को किस जगह पर विकास के लिए लगाएगी।


इसके विपरीत यदि इतने बड़े स्तर पर वनों का दोहन हाेता है तो पूरा का पूरा बुंदेलखंड का क्षेत्र पानी के लिए तरस जाएगा। इतना ही नहीं बक्सवाहा का वनों से आच्छादित यह क्षेत्र जहां कई जानवर और पक्षी विचरण करते हैं। वह क्षेत्र रेगिस्तान में तब्दील हो जाएगा। 

पटना में हुआ जोरदार स्वागत : 
दाे दिनों की यात्रा के बाद जैसे ही दोनों छात्र पटना पहुंचे यहां बक्सवाहा के जंगलों की अलख जगाने वाले पीपल नीम तुलसी अभियान के प्रमुख डॉ. धर्मेन्द्र कुमार और दीदी फाउंडेशन (Didi Foundation) की डॉ. नम्रता आनंद (Dr. Namrata Anand) ने भव्य स्वागत किया। इसके अलावा आरा में जयंत कॉलेज के पास भीम पटेल, दुमराव में भूतपूर्व मंत्री अजीत चौधरी, शिक्षिका अनीता यादव ने अपने सहयोगियों के साथ और बक्सर में शिक्षक विपिन कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ भव्य स्वागत किया।


दोनों ही छात्रों के लिए जगह जगह पर रुकने का इंतजाम पर्यावरण प्रेमियों द्वारा किया गया है। वहीं मंगलवार सुबह दोनों ही युवा बक्सर से आगे अपनी मंजिल की ओर निकल गए।

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