Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होने वाला है। इसके बाद गर्भगृह में राम लला का अभिषेक समारोह (प्राण प्रतिष्ठा) होगा। गर्भ-गृह), मंदिर 24 जनवरी से भक्तों के लिए खुला रहेगा।
भक्त भारत के सदियों पुराने इतिहास की जटिल नक्काशी से सजे राम जन्मभूमि मंदिर की भव्यता को देख सकते हैं। खैर, यह सिर्फ एक इमारत नहीं बल्कि सदियों से भारत के दिल में बसी आस्था और परंपरा का खजाना है। यह लेख पवित्र निर्माण के वास्तुशिल्प चमत्कारों और प्रतीकात्मक तत्वों पर प्रकाश डालता है।
अयोध्या में राम मंदिर की विशेषताएं(Ayodhya Ram Mandir)
राम मंदिर के मूल डिजाइन की योजना 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा बनाई गई थी। हालाँकि, वास्तु शास्त्र और शिल्पा शास्त्र के संदर्भ में, 2020 में इसमें कुछ बदलाव हुए। सोमपुरा ने कम से कम 15 पीढ़ियों से दुनिया भर में 100 से अधिक मंदिरों के डिजाइन में योगदान दिया है, जिसमें सोमनाथ मंदिर भी शामिल है।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं
1. मंदिर पारंपरिक नागर शैली में है।
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है।
3. मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392… pic.twitter.com/Sp2BzzU5sv हैं
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का प्रबंधन पूरी तरह से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। और मंदिर के निर्माण की अनुमानित लागत ₹ 1,400 करोड़ से ₹ 1,800 करोड़ के बीच होने की उम्मीद है।
मुख्य मंदिर का बुनियादी ढांचा
अयोध्या में राम मंदिर पारंपरिक नागर वास्तुकला शैली में बनाया गया है। यह हिंदू मंदिर वास्तुकला(Ayodhya Ram Mandir) की दो मुख्य शैलियों में से एक है। मंदिर वर्गाकार या आयताकार तल पर पत्थर या ईंट से बनाए जाते हैं, जिसके बीच में शिखर स्थित होता है। इस स्थापत्य शैली में, मंदिर छोटे टावरों से घिरा हुआ है जिन्हें मुख मंडप कहा जाता है।
Pictures taken this morning at Shri Ram Janmabhoomi Mandir site.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में आज प्रातः काल लिए गए चित्र pic.twitter.com/MOaDIiS91Y
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) December 24, 2023
राम मंदिर का निर्मित क्षेत्र नीचे दी गई तालिका में दिया गया है:(मंदिर ट्रस्ट के द्वारा दी गई जानकारी)
- कुल क्षेत्रफल: 2.7 एकड़
- कुल निर्मित क्षेत्र: 57,400 वर्ग फुट
- मंदिर की कुल लम्बाई: 360 फीट
- मंदिर की कुल चौड़ाई: 235 फीट
- मंदिर की कुल ऊंचाई (शिखर सहित): 161 फीट
- कुल मंजिलें: 3
- प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई: 20 फीट
- भूतल में स्तंभों की संख्या: 160
- प्रथम तल में स्तंभों की संख्या: 132
- दूसरी मंजिल में स्तंभों की संख्या: 72
- मंडपों की संख्या: 5
- मंदिर में द्वारों की संख्या: 12
अयोध्या में राम मंदिर के अलग-अलग जोन और क्षेत्र
भगवान राम की जन्मभूमि का पवित्र क्षेत्र 70 एकड़ तक फैला हुआ है। इसमें पौराणिक महत्व के विभिन्न अंश शामिल हैं। मुख्य मंदिर में 5 मंडप शामिल हैं, जिन्हें नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना और कीर्तन मंडप कहा जाता है। इसके अलावा, पवित्र परिसर को निम्न में विभाजित किया गया है:
- श्री राम कुण्ड:- यज्ञशाला
- कर्मक्षेत्र:- अनुष्ठान मंडप
- हनुमान गढ़ी:- वीर मारुति विशाल प्रतिमा
- श्री राम लला पुराकालिक दर्शन मंडल:- जन्मभूमि संग्रहालय
- श्री कम्म कीर्ति:- सत्संग भवन सभागार
- गुरु वशिष्ठ पीठिका:- अनुसंधान के लिए अध्ययन केंद्र
- भक्ति टीला:- विशेष शांति क्षेत्र(Ayodhya Ram Mandir)
- तुलसी:- रामलीला केंद्र/ओपन थिएटर
- राम दरबार:- बहुकार्यात्मक सामुदायिक केंद्र
- माता कौशल्या वात्सल्य मंडल:- प्रदर्शनी केंद्र
- रामंगन:- टीवी/सिनेमा/एवी आधारित शो थियेटर
- रामायण:- पुस्तकालय/वाचनालय
- महर्षि वाल्मिकी:- अभिलेखागार एवं अनुसंधान केंद्र
- रामाश्रयम्:- बोर्डिंग/आवास/प्रतीक्षा क्षेत्र
- श्री दशरथ:- गौशाला
- लक्ष्मण वाटिका:- लिली तालाब और संगीतमय फव्वारा
- लव कुश निकुंज:- बच्चों के लिए गतिविधि क्षेत्र
- मर्यादा कुंज:- विशेष अतिथि आवासीय क्षेत्र
- भरत-प्रसाद मंदार:- भोग/प्रसाद वितरण क्षेत्र
- माता सीता रसोई अन्नक्षेत्र:- बड़ा भोजन आश्रय
- दीपस्तंभ:- सिंहद्वार के सामने लैंप टावर
श्री राम जन्मभूमि मंदिर का भव्य सिंहद्वार
The Magnificent Sinh Dwar of Shri Ram Janmbhoomi Mandir.
📍Ayodhya pic.twitter.com/1BhjPpJh2N
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 4, 2024
- राम मंदिर परिसर में आधुनिक सुविधाएँ/सुविधाएँ
- बहुउद्देशीय वितरण एवं संचालन कक्ष
- बैंक/एटीएम
- आवश्यक सार्वजनिक उपयोगिताएँ (शौचालय, स्नानघर, वाशरूम और अधिक)
- आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए रैंप/लिफ्ट
- सौर ऊर्जा पैनल और पावर बैक-अप
- तीर्थयात्री सुविधा केंद्र
- तीर्थयात्री/आगंतुक प्रबंधन प्रणाली
- अयोध्या में राम मंदिर की दिलचस्प विशेषताएं
यह तीन मंजिला संरचना होगी, जिसकी प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी। मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे। मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम (श्री राम लला सरकार के देवता) का बाल रूप होगा, और पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होगा। मंदिर में प्रवेश सिंहद्वार से 32 सीढ़ियाँ चढ़कर पूर्व दिशा से होगा।
इसके अलावा, मंदिर सुसज्जित है:
- मंदिर अंदर और बाहर परकोटा से सुरक्षित है।
- राम मंदिर की वास्तुकला अगले पचास वर्षों के लिए क्रमिक(Ayodhya Ram Mandir) विस्तार पर आधारित है।
- मंदिर और उसके परिसर को मौसमी धूल और तूफान से बचाने के लिए अनोखा त्रिस्तरीय वृक्षारोपण।
- किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बचने के लिए विशेष सुरक्षा परिसर।
- ज्योतिषीय नक्षत्रों पर आधारित पुष्प वाटिका एवं वृक्षारोपण।
- मंदिर के चारों तरफ निगरानी टावर हैं।
- शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशाल स्मारक।
अयोध्या का मुख्य मंदिर सूर्य देव, देवी भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों से घिरा हुआ है। मंदिर के पास ही पौराणिक काल का सीताकूप मौजूद होगा। परिसर में अन्य प्रस्तावित मंदिर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
Also Read: 70.5 एकड़ में फैले विशाल राम मंदिर में 44 द्वार होंगे। क्या सब प्रवेश के लिए खुले?
अयोध्या का राम मंदिर कब टूटा था?(When was the Ram temple of Ayodhya demolished)
कुणाल ने किताब में लिखा है कि मंदिर 1528 में नहीं तोड़ा गया, बल्कि औरंगजेब(Ayodhya Ram Mandir) द्वारा नियुक्त फिदायी खान ने 1660 में उसे तोड़ा था। हिंदुओं के दावे के बाद से विवादित जमीन पर नमाज के साथ-साथ पूजा भी होने लगी। 1853 में अवध के नवाब वाजिद अली शाह के समय पहली बार अयोध्या में साम्प्रदायिक हिंसा भड़की।
राम मंदिर से पहले क्या था?(What was there before Ram temple)
किस्सा 1526 से शुरू होता है। ये वो साल था जब मुगल शासक बाबर भारत आया। दो साल बाद बाबर के सूबेदार मीरबाकी ने अयोध्या में एक मस्जिद बनवाई। यह मस्जिद उसी जगह बनी जहां भगवान राम का जन्म हुआ था।
Also Read: मूर्तिकार अरुण योगीराज राम लला अब अयोध्या राम मंदिर के आकर्षण होंगे!