Ram Mandir: राम मंदिर में कुल 44 द्वार होंगे। इनमें से केवल 18 में दरवाजे होंगे। जिनमें 14 दरवाजे स्वर्णजड़ित हैं। लेकिन प्रवेश एक ही द्वार से किया जायेगा। श्रद्धालुओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जा रहे हैं।
Ram Mandir विस्तार में जानिए
रामलला के जन्म स्थान पर मंदिर बन कर तैयार हो चला है वहीँ 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। रामलला का मंदिर ऐसे ही दिव्य और भव्य नहीं कहा जा रहा। 70.5 एकड़ में फैले विशाल Ram Mandir में कुल 44 द्वार होंगे। इनमें से केवल 18 में दरवाजे होंगे। जिनमें 14 दरवाजे स्वर्णजड़ित हैं।चार दरवाजे स्टोर के हैं, जिन्हें वार्निश कर आकर्षक बनाया गया है। लेकिन प्रवेश एक ही द्वार से किया जायेगा।
मंदिर के डिजाइन व निर्माण से जुड़े कुछ तथ्य!
मंदिर के डिजाइन व निर्माण से जुड़े इंजीनियरों के मत अनुसार भूतल पर लगने वाले दरवाजे लकड़ी के बने हैं, जिसे हैदराबाद की कंपनी ने बनने का कार्य किया है। राममंदिर तक पहुंचने के लिए तीन पथ बनाए जा रहे हैं.
- रामजन्मभूमि पथ।
- भक्ति पथ।
- राम पथ।
मगर, सभी श्रद्धालुओं को प्रवेश एक ही द्वार से मिलेगा। मंदिर जितना भव्य तैयार किया जा रहा है, भगतो की सहूलियत का भी उतना ही ध्यान रखा जा रहा है। वहीँ श्रद्धालुओं के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा सुग्रीव किला के गेटवे दो के बगल में एक सुविधा केंद्र बना रहा है। जिससे वो विश्राम कर सके।
Ram Mandir के लिए पहले पहुंचे सुग्रीव किला।
- निर्माण से जुड़े एक इंजीनियर ने हमें बताया कि तीर्थयात्रा को आये श्रद्धालुओं को राममंदिर जाने के लिए सुग्रीव किला आना होगा। भक्तों को बिड़ला धर्मशाला के सामने तैयार किए जा रहे द्वार से सुग्रीव किला होते हुए राममंदिर में प्रवेश मिलेगा।
- राममंदिर के इंजीनियर के मुताबिक, सनातन धर्म के पुराने मंदिर में प्रवेशद्वार कुछ दूरी पर बनाए गए हैं। यहां भी जन्मभूमि की परिधि से 600 मीटर पहले बिड़ला धर्मशाला के सामने 35 फुट ऊंचे दो गेटवे बनाए गए हैं। जहा से प्रवेश प्रारम्भ होगा।
- गेटवे से अंदर आने पर दोनों तरफ फुटपाथ के साथ 75 फुट चौड़ी रोड बनाई गई है। इस पथ से तीर्थयात्री मंदिर की ओर जाएंगे। इस पथ का फर्श सैंडस्टोन से बनाया गया है, जिस पर 9 कैनोपी बनाई गई हैं। इसलिए इसमें से प्रवेश भी एक अद्भुत अनुभव होगा।
- कैनोपी के बाद बाएं हाथ पर 16 काउंटर के साथ बैग स्कैनर लगा रहे हैं। यहां से सुविधा केंद्र के सामने पहुंचेंगे। यहां बैगेज काउंटर के बगल से दोबारा इसी पथ पर आ जाएंगे और वही से मंदिर के पीछे पहुंच जाएंगे। यहां से निकलने के बाद रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
अंततः Ram Mandir का काम समाप्त हो चला है और 22 जनवरी को वह प्राण प्रतिष्ठा की बाद भगतो को भी दर्शन प्रारम्भ करा दिए जायेंगे। पुरे विश्व के हिन्दू 22 जनवरी को दीपावली के रूप में मनाने वाले हैं।