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आखिर क्‍यों आती है हिचकी, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

हिचकी आना बहुत आम बात है, अक्सर खाना खाते समय या जोर से हंसते वक्त हमें हिचकी आ ही जाती है। इसको लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती है। कुछ लोग कहते हैं कि किसी के याद करने पर हिचकी आती है तो कुछ लोग मानते हैं कि किसी का कुछ चुराकर खाने से हिचकी आती है। आइए जानते हैं कि क्या वाकई में हिचकी आने के यही कारण हैं या ये सिर्फ लोगों के बीच फैली एक भ्रांति है? वैज्ञानिकों की मानें तो ये सिर्फ एक ग़लतफ़हमी है। हिचकी का संबंध किसी के याद करने से नहीं, बल्कि सांस से जुड़ा है। अमेरिकन डॉ. ने बताया है कि  हिचकी सबको आती है लेकिन फिर भी इसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं है। दरअसल, जिन चीजों को खतरा नहीं माना जाता है, उन पर ज्यादा शोध भी नहीं होता है।

आखिर क्यों आती है हिचकी?

वैज्ञानिकों की मानें तो पेट व फेफड़े के बीच स्थित डायाफ्राम और पसलियों की मांसपेशी में कॉन्ट्रैक्शन, हिचकी आने की प्रमुख वजह है। डायाफ्राम में सिकुड़न से फेफड़ा तेजी से हवा खींचने लगता है, इसी के चलते व्यक्ति को हिचकी आती है। इसके अलावा हिचकी आने का एक कारण पेट से भी जुड़ा है। खाना खाने या गैस के चलते पेट बहुत ज्यादा भरा हो तो उससे भी हिचकी आती है। पाचन या श्वास नली में अत्यधिक हलचल व गड़बड़ी से व्यक्ति को हिचकी आ सकती है। गर्म या तीखा खाना खाने, जल्दी-जल्दी खाने से भी हिचकी आती है। बहुत जोर से हंसने के चलते भी डायाफ्राम में संकुचन हो जाता है, जिससे हिचकी आ सकती है।

60 सेकेण्ड में 60 बार तक आ सकती है हिचकी

आमतौर पर बच्चों को हिचकी ज्यादा आती है। उम्र बढ़ने के साथ हिचकी का आना कम जरूर होता है, लेकिन बंद नहीं होता है। जिस तरह लोगों के छींकने का तरीका अलग होता है, उसी प्रकार सबको हिचकी भी अलग-अलग तरीके से आती है। एक मिनट में व्यक्ति को चार से 60 बार तक हिचकी आ सकती है। आयोवा के रहने वाले चा‌र्ल्स ऑसबोर्न को लगातार 68 वर्ष तक हिचकी आई थी। इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉ‌र्ड्स में दर्ज है।

बीमारी का भी हो सकता है संकेत

आमतौर पर हिचकी कुछ मिनट या घंटे में ही खत्म हो जाती है। हालांकि, हिचकी अगर कई दिन या हफ्ते तक जारी रहे तो ये गंभीर समस्या हो सकती है। अमेरिका में हर साल हिचकी से होने वाली परेशानी के कारण चार हजार लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं। तनाव, बेचैनी आदि के कारण भी हिचकी आ सकती है। इसके अलावा निमोनिया, ब्रेन व पेट के ट्यूमर, पार्किसन, डायबिटीज और किडनी की बीमारियों के कारण भी हिचकी आ सकती है।

मां के गर्भ में ही शुरू हो जाती है हिचकी

इंसान को मां के गर्भ से हिचकी आना शुरू हो जाता है। डॉ. कुलेन ने कहा, ‘कई बार अल्ट्रासाउंड के दौरान 17 या 18 हफ्ते के भ्रूण को हिचकी आते देखा जा सकता है। आमतौर में भ्रूण में फेफड़े के विकसित होने की वजह से हिचकी आना शुरू हो जाती है।

हिचकी रोकने के घरेलू नुस्खे

हिचकी रोकने के कुछ घरेलू नुस्खे जैसे चीनी है या पानी आदि से भी हिचकी रोकी जा सकती है। अगर हिचकी कई घंटों तक नहीं रुके तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

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