NATIONAL । हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अपनी एक रिसर्च में सोमवार को कहा था कि, भारत एक जीवित लोकतांत्रिक देश है और उभरती हुई महाशक्ति है।
अडानी ग्रुप (Adani Group) भारत के भविष्य में रोड़ा बनकर राष्ट्रवाद की आढ़ में धोखाधड़ी को छिपा रहा है। इस मामले पर अडानी ग्रुप (Adani Group) ने भी पलटवार करते हुए आरोपों को साजिश करार देते हुए देश को गुमराह करने की बात कही है।
अडानी ग्रुप का जबाब
बता दें कि, अडानी ग्रुप (Adani Group) पर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने जालसाजी का आरोप मढ़ दिया था, जिसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों (share) में भी कुछ दिन से गिरावट देखी गई। ग्रुप ने इन आरोपों के जवाब में 413 पेज का एक ‘स्पष्टीकरण’ जारी किया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) अपनी बात पर है अडिग
Not a single tweet from @NDTVProfit @ndtv, @ndtvvideos, @ndtvindia @ndtvfeed on Hindenburg Research. pic.twitter.com/15l7fBui8U
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) January 25, 2023
हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) अपनी रिपोर्ट पर अभी भी अडिग है। रिपोर्ट में बताया गया था कि दो साल की जांच में यह मालूम पड़ता है कि अडानी ग्रुप नें दशकों से शेयरों (share) में घोटाले और लेखे-जोखे में काफी हेराफेरी की है।
रिसर्च ने कहा कि एशिया (Asia) के सबसे अमीर इंसान (Gautam Adani) गौतम अडानी के ग्रुप ने अपनी प्रतिक्रिया की शुरुआत इस दावे के साथ की कि हम ‘मैडॉफ ऑफ मैनहट्टन (madoff of manhattan)’ हैं। धोखाधड़ी तो धोखाधड़ी है, चाहे वह फिर कोई छोटा आदमी करे या अमीर आदमी ही क्यों ना करे।
बर्नाड लॉरेंस मैडॉफ को पोंजी घोटाले के आरोप में साल 2008 में गिरफ्तार कर लिया गया था और 150 साल की सजा सुनाई गई थी।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप (Adani Group) से 88 प्रश्न के बारे मं पूछा गया था, लेकिन अडानी ग्रुप ने सिर्फ 26 सवालों के ही जवाब दिए, 30 पेज तो सिर्फ उन्हीं की रिपोर्ट से जुड़ी है।
जो भी लेन-देन संदेह के घेरे में हैं, उन पर तो अभी तक कोई स्पष्ट जवाब ही नहीं दिया गया। हिंडनबर्ग रिसर्स (Hindenburg Research) का कहना है कि उन्हें विनोड अडानी (Vinod adani), चाइनीज लिंक्स (chinese links) और मॉरीशियस लिंक (Mauritius link) के बारे कों कोई उत्तर नहीं मिला है।
अडानी ग्रुप ने बताया भारत के खिलाफ हमला
अडानी समूह (Adani Group) ने जवाब में कहा था कि यह रिपोर्ट केवल किसी एक कंपनी पर हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, गुणवत्ता और भारत के विकास को लेकर एक सोची-समझी साजिश है। रिसर्च के द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं.
समूह ने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि हजारों मील दूर बैठी एक कंपनी के बयानों से हमारे निवेशकों पर गंभीर असर हुआ है, जिसकी न तो कोई विश्वसनीयता है।
बता दें कि यह रिपोर्ट ऐसे वक्त आई है जब अडानी समूह एंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयर्स (equity shares) का अब तक का सबसे बड़ा IPO का काम शुरू करने वाला है।
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अडानी ग्रुप (Adani Group) ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सही तरीके से रिसर्च नहीं की गई है। टारगेट के किसी गुप्त उद्देश्य के लिए गलत जानकारी और बेबुनियाद आरोपों से जुड़े तथ्य डाले गए हैं। अडानी ग्रुप सभी कानूनों और नियमों का अच्छे से पालन करता है।
अडानी ग्रुप को झेलना पड़ा नुकसान
Hindenburg research is known for their high end research work. Back in 2020, #Hindenburg research had single handedly brought down #Nikola.
From it's high of 94$ the stock now currently trading at 2$. Who’s next????? pic.twitter.com/Vpu9uYa2dd
— YSR (@ysathishreddy) January 27, 2023
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से ही निवेशकों में उधल-पुथल मच गई। ग्रुप और अडानी को भी काफी नुकसान हुआ है। बुधवार और शुक्रवार को ट्रेडिंग सेशन (trading session) में अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयर में काफी गिरावट दर्ज की गई।
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ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों को बाजार कैप में भी 4.17 लाख करोड़ रुपए की हानि हुई। गौतम अडानी (Gautam Adani) को भी उनकी कुल सम्पत्ति का करीब पांचवा भाग के बराबर नुकसान हुआ।