मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 28 मई तक जवाब देने को कहा है। इस नोटिस में कोरोना के इलाज को लेकर की गई व्यवस्थाओं, मौतों की जानकारी और दवाओं की कालाबाजारी को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा गया है।
तन्खा का आरोप नहीं मिल रही ब्लैक फंगस की दवा :
तन्खा ने आयोग में दायर की गई याचिका में सख्त आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में अब कोविड-19 के साथ म्यूकर माइकोसिस के मामले भी सामने आ रहे हैं। प्रदेश के बड़े शहरों में अब इस बीमारी की वजह से मरीजों की मौत हो रही है।
आज मेरे पत्र याचिका पर संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने मुख्य सचिव,अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य , तथा संभागीय आयुक्तों से महामारी सम्बंधित ६ मुद्दों पर जवाब तौर प्रतिवेदन तलब किया। ब्लैक फ़ंगस , दवाओं की कालाबाज़ारी , नक़ली दवाओं के वितरण,अस्पताल में बेड्ज़ की कमी इत्यादि …
— Vivek Tankha (@VTankha) May 18, 2021
तन्खा ने याचिका में भोपाल, इंदौर और जबलपुर में इस बीमारी से बड़ी संख्या में मरीजों की मौत होने की बात कही है और बताया है कि इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर 55 प्रतिशत है। साथ ही इस बीमारी की दवाओं की उपलब्धता भी आसान नहीं है।
मेडिकल सुविधाओं और दवाओं की कमी से हो रही मौतें :
वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी याचिका में बताया है कि प्रदेश में अधिकतर मौतें प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की कमी, अस्पताल में डॉक्टर और नर्स की कम संख्या के साथ ही ऑक्सीजन वेंटिलेटर और दवाओं की कमी के कारण हो रही हैं। उन्होंने नकली दवाओं के इस्तेमाल के कारण भी मौतें होने का आरोप लगाया है।
मानव अधिकार आयोग को मप्र की जनता का प्रणाम।सरकार प्रयास रत है मगर दूर दृष्टि का अभाव।मीडिया को भी सलाम !! सामान्यतः मीडिया इस वक्त जनता के दर्द के साथ खड़ी है।यद्यपि कुछ साथियों की अज्ञानता पे तरस आता है।किसी ने सही कहा “ अगर वक्त रहते हम चुप है – तो अगला नम्बर हमारा है “ pic.twitter.com/KJf6GTTH0E
— Vivek Tankha (@VTankha) May 19, 2021
साथ ही अस्पतालों में बिस्तरों की कमी को भी बड़ी परेशानी का कारण बताया है।
तन्खा की याचिका पर आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन ने 6 बिंदुओं पर एसीएस स्वास्थ्य से जवाब मांगा है।
1. 9 से 18 मई तक हर दिन प्रत्येक जिले में कोरोना और ब्लैक फंगस के कितने मरीज मिले? दवाओं के आभाव में कितनों की मौत हुई?
2. रोकथाम में उपयोग होने वाली दवाओं और इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए क्या प्रयास हुए?
3.दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में कितनी एफआईआर दर्ज हुईं? इस दाैरान आरोपियों पर कौन सी धाराएं लगाई गईं?
4. दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए क्या उपाय किए गए?
5. हर जिले में निजी और सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध बेड की संख्या
6. महामारी की यदि तीसरी लहर आती है, तो सरकार ने क्या तैयारियां कर रखी हैं?