विश्वगुरू बनने के सपने देखने वाला भारत वर्तमान समय में कई ऐसी समस्यओं से गुजर रहा जिनपर न तो लोगों की नजर है न कोई सुनना या देखना चाहता। धर्म और जाति को लेकर लोग एक नशे में कैद है जिससे वह भारत में चल रहीं उन परिस्थितिओं महसूस नहीं कर रहे है जिनका आने वाले समय में उन्हें सामना करना पड़ेगा।
वर्तमान स्थिति पर गौर किया जाए तो हम बहुत ही तेजी से विनाश की और बढ़ रहे हैं। भारत में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर काम किया जाना चाहिए जोकि नहीं हो पा रहा, ताकि हमारे समाज की मौजूदा स्थिति में सुधार हो सके। महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार, अपराध, सड़क नेटवर्क की स्थिति और इसी तरह के मुद्दों पर तुरंत गौर करने की जरूरत है।
भारत में मौजूदा प्रमुख मुद्दे
- महिला सुरक्षा
भारत का इतिहास हमेशा महिलाओ को सम्मान देने के लिए जाता है लेकिन वर्तमान समय की बात की जाए तो भारत में हर 9 मिनिट में एक महिला का रेप होता है। वर्तमान में चल रहे हाथरस केस से हम सभी परिचित हैं लेकिन बाकी रेप मामलों का क्या जो कभी सामने ही नहीं आते। भारत में रेप मामलों की संख्या इतनी ज्यादा है जिनके आकड़े जानने के बाद आपको बिल्कुल भी भारत पर गर्व महसूस नहीं होगा।
जहाँ तक महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा का सवाल है, भारत पिछड़ चुका है। घरेलू हिंसा, बलात्कार, जैसे कई मुद्दों हैं जिन पर तुरंत काम होना चाहिए।
- भ्रष्टाचार
शायद ही कोई ऐसा भारतीय नागरिक हो जिसने अपने जीवन में भ्रष्टाचार का सामना न किया हो। भारत में सबसे व्यापक रूप से फैला हुआ स्थानिक भ्रष्टाचार है, जिस पर बहुत ही जल्द काम करने की आवश्यकता है। निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में शायद ही कोई कार्यालय हो, जो इस बीमारी से अछूता हो। इस वजह से अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान हुआ है, यह बताने वाला कोई नहीं है।
- बेरोजगारी
कोरोना वायरस के कारण लगाए लए देश व्यापी लॉकडाउन के बाद यह समस्या अपने विकराल रूप में सामने आयी है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि लॉकडाउन से पहले देश में बेरोजगारी नहीं थी। भारत के युवा इस समस्या का सामना हमेशा से ही करते रहे हैं।
आज हम एक ऐसे मुकाम पर है जहां हर एक क सक्षम व्यक्ति स्वेच्छा से नौकरी की तलाश कर रहा है, लेकिन इसे खोजने में सक्षम नहीं है। भारत सरकार को अधिक सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों के अवसरों का निर्माण करके इसे मिटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
- मीडिया
देश का चौथा स्तम्भ माने जाने वाली मीडिया का सबसे बड़ा काम है देश में चल रहे सभी उन मुद्दो को सरकार तक पहुंचाना जो देश के विकास में बाधा बन रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा दुनियां भर में भारतीय मीडिया की वर्ल्डरैंक 142 है। जोकि एक गौर करने वाली बात है। दुनिया में भारत की मीडिया को एक गुलाम मीडिया का दर्जा दिया जा रहा है।
- स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली
यह सच है कि दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतांत्रिक देश अपनी संपूर्ण आबादी को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दे सकता है। ग्रामीण भारत में संसाधनों की कमी दिन की एक प्रमुख चिंता है, जिससे अधिकांश समस्याएं पैदा होती हैं। सभी ग्रामीणों के 50% स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं तक पहुंच नहीं है; शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) प्रति 1000 जीवित जन्मों में 34 है; पोषण की कमी के कारण सभी शिशुओं में 50% की वृद्धि हुई और भारत में 36% लोगों के पास अब भी शौचालय नहीं है।
- गरीबी
इसमें कोई दोराहा नहीं है कि भारत में गरीबी पिछले सालों निरंतर बढ़ती देखी जा रही है। भारत में 80% गरीब गाँवों में रहते हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में सबसे गरीब क्षेत्र हैं। विश्व बैंक के आंकड़ों (2016) के अनुसार 43% गरीब अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के हैं। इस असमानता पर सरकार का तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। अगर 2020 के आकड़ो की बात की जाए तो गरीबी इन आकड़ो का अनुमान 17 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, यानि आने वाले समय में भारत दुनिया के सबसे गरीब देशों की सूची में अपने कदम तेजी से बढ़ा रहा है।
- प्रदूषण
प्रदूषण और पर्यावरण के मुद्दे भी चुनौतियां बनकार सामने आए हैं जिनका भारत वर्तमान में सामना कर रहा है। गंगा और यमुना नदियाँ आज भारत की दो सबसे प्रदूषित नदियाँ हैं। वही अन्य नदियों की हालत है जो आबादी वाले शहरों से गुजरती हैं। इसके अतिरिक्त, बढ़ते निर्माण और वाहन यातायात भी शहरों में प्रदूषण में योगदान करते हैं। भारत को सतत विकास के मॉडल को अपनाने की जरूरत है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर
भारत के वर्तमान बुनियादी मुद्दे किसी से नहीं छिपे पिछड़े इलाके और छोटे शहरो की बात की जाए तो, बेहतर सड़क से लेकर अच्छे वाहन आप भी लोगों का एक सपना है जो पूरा नहीं हो पा रहा। अपने बुनियादी ढाँचे के विकास, बेहतर सड़कों, किफायती आवास और पानी, स्वच्छता, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा आदि जैसी सेवाओं पर तेजी से काम करने की आवश्यकता है।
बात साफ है भारत को आगे बढ़ने से पहले इन चुनौतियों से निपटना होगा और इन अहम मुद्दो पर काम करना होगा।