YS Sharmila: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला इन दिनों चर्चा में हैं। तेलंगाना की राजनीति में सक्रिय शर्मिला एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारकर चर्चा में आई हैं। शर्मिला तेलंगाना में पेपर लीक के सिलसिले में एसआईटी ऑफिस जा रही थीं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
क्या है पूरी खबर जानें
दरअसल पुलिस YS Sharmila को हिरासत में लेने की कोशिश कर रही थी। पुलिस ने उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश की। हालांकि उनका ड्राइवर फिर भी गाड़ी चलाने लगा। तभी एक पुलिस अधिकारी इससे नाराज हो गया और ड्राइवर को कार से खींचकर बाहर निकाला।
पुलिस की कार्रवाई को देखकर YS Sharmila भड़क उठी और अधिकारी से उलझ गईं। दोनों के बीच बहस होने लगी और तभी शर्मिला ने अधिकारी पर हाथ उठा दिया। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
कौन हैं वाईएस शर्मिला
YS Sharmila वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं। राजशेखर 2004 से 2009 तक कांग्रेस की ओर से संयुक्त आंध्र प्रदेश के सीएम रहे। एक हेलीकॉप्टर क्रैश में उनका निधन हो गया था। राजशेखर के निधन के बाद उनके बेटे जगन मोहन रेड्डी और कांग्रेस के बीच तल्खी बढ़ गई। जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के मौजूदा सीएम हैं।

प्रश्नपत्र लीक मामले में शर्मिला ने कहा..
YS Sharmilaने कहा कि- वह एसआईटी कार्यालय जाकर तेलंगाना राज्य लोकसेवा आयोग प्रश्नपत्र लीक मामले में ज्ञापन देना चाहती थी, जिसकी जानकारी होने पर पुलिस ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया। नाराज शर्मिला ने पुलिसकर्मियों को धक्का दे दिया और महिला पुलिस कांस्टेबल पर हमला किया। पुलिस से सवाल करती नजर आई कि वह उन्हें क्यों रोक रही है।
डीसीपी ने बताया- अधिकारी उन्हें अनुमति नहीं होने की जानकारी देने और वहां जाने से रोकने के लिए गए थे, जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें वह पुलिस अधिकारियों पर हमला करती हुई दिख रही हैं। अधिकारियों से शिकायत मिलने के बाद हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

शर्मिला ने बनाई वाईएसआर
करीब दो साल पहले YS Sharmila ने तेलंगाना की राजनीति में उतरने का एलान किया। उन्होंने अपने भाई की पार्टी से अलग अपनी खुद की वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का गठन किया। तेलंगाना की राजनीति में पैर जमाने के लिए शर्मिला जमकर मेहनत कर रही हैं।
वह लगातार पेपर लीक के मुद्दे को उठा रही हैं। पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने के आरोप में उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेजा गया था, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई है।
राजनीति से जुड़ी एक और खबर सरकार से समझौते के बाद राजस्थान के डॉक्टरों ने राइट टू हेल्थ एक्ट का विरोध वापस लिया