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Anemia खून की कमी क्या है, इसकी रोकथाम कैसे संभव है, आइए जाने

Anemia

Anemia: भारतीय महिलाओ एवं बच्चो खून की एनीमिया कहलाती है यह  एक ऐसी स्थिति है जिसमें खून मे लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या खून में  हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम चली चली जाती  है। ऑक्सीजन ले जाने के लिए हीमोग्लोबिन नामक अव्यव की बहुत आवश्यकता होता है और यदि आपके शरीर के पास बहुत कम या असामान्य तय लाल रक्त कोशिकाएं हैं, या पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं है, तो अक्सर शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने की रक्त की क्षमता कम हो जाएगी।

इसके परिणामस्वरूप शरीर मे थकान, कमजोरी, चक्कर आना और व्यक्ति को सांस की तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। शारीरिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए आवश्यक शीर्ष अव्यव होता है , हीमोग्लोबिन की कमी  उम्र बढना , लिंग मे कमजोरी , और कमजोर गर्भावस्था की स्थिति आदि समस्याग्रस्त अवस्थ में व्यक्ति हो जाता है। एनीमिया के सबसे आम कारणों में पोषक अव्यव की कमी, विशेष रूप से आयरन की कमी है ।।, विटामिन बी12 और ए की कमी भी महत्वपूर्ण होती है

एनीमिया एक गंभीर वैश्विक स्तर की एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जो विशेष रूप से छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं आदि को विशेष रूप  से प्रभावित करती है। WHO का अनुमान है कि दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के 42% बच्चे और 40% गर्भवती महिलाएं एनीमिक नामक भयानक बीमार से ग्रस्त हैं।

एनीमिया थकान, कमजोरी, चक्कर आना और अधिक नींद आना सहित कई लक्षण पैदा कर सकता है। मातृ और शिशु मृत्यु दर के बढ़ते खतरे के साथ बच्चे और गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से  अत्यंत कमजोर हैं। एनीमिया का प्रसार विश्व स्तर पर शीर्ष स्तर पर बना हुआ है, विशेष रूप से कम दैनिक  आय वाले क्षेत्रों में, जहां छोटे बच्चों और महिला प्रसव की उम्र की  एक महत्वपूर्ण अनुपात मे  एनीमिया के कारण ही होती है।

एनीमिया एक चिकित्सा बीमारी है जो शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की बहुत कमी होती है जिससे  शरीर के ऊतकों को ऑक्सीजन को कुशलतापूर्वक परिवहन नही होता  ।  यह एक सामान्य रक्त विकार ही होता है ।।

एनीमिया खराब पोषण और खराब स्वास्थ्य दोनों का समग्र सूचक है।  लेकिन यह अन्य वैश्विक पोषण संबंधी चिंताओं जैसे  जन्म के समय कम वजन और बचपन में अधिक वजन और व्यायाम करने के लिए ऊर्जा की कमी के कारण मोटापे को भी प्रभावित कर सकता है। एनीमिया के कारण बच्चों में स्कूल के प्रदर्शन और वयस्कों में काम की उत्पादकता में कमी व्यक्ति और परिवार के लिए और अधिक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव डाल सकती है।

शरीर में एनीमिया के कारण एवं लक्षण(Anemia):–

  • परंपरागत वंशानुगत विकार:

कुछ वंशानुगत विकार जैसे  सेल एनीमिया, थैलेसीमिया और अन्य हीमोग्लोबिनोपैथी से एनीमिया हो सकता है। इससे खून की कमी से चोट, सर्जरी या मासिक धर्म के कारण खून की कमी भी एनीमिया का कारण बन सकती है।पुरानी बीमारियाँ: किडनी की बीमारी, लीवर की बीमारी और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियाँ लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में बाधा उत्पन्न करके या अत्यधिक रक्त हानि के कारण एनीमिया का कारण बन जाता  हैं।

  • भोजन मे आयरन एवं विटामिन की कमी :-

भोजन मे आयरन एक आवश्यक खनिज  तत्व है जो हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए आवश्यक है, लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन जो शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है। आयरन की कमी एनीमिया का सबसे आम कारण होता है , और यह अपर्याप्त आयरन सेवन, आहार से  अत्यधिक खून की कमी के कारक बन जाता है।विटामिन की कमी भी लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए बहुत फायदेमंद होता है यह विटामिन बी 12 और फोलेट जैसे विटामिन(Anemia) भी लाभदायक होता हैं। इन विटामिनों की कमी से एक प्रकार का एनीमिया हो सकता है जिसे आम भाषा में  मेगालोब्लास्टिक एनीमिया भी कहा जाता है।

इसकी कमी से होने समस्याऐ:-

  • शरीर में थकान और कमजोरी: शरीर में थकान या कमजोरी महसूस होना एनीमिया का एक सामान्य सा लक्षण है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर के ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।जिससे यह समस्या होती है ।।
  • व्यक्ति को सांस की तकलीफ: एनीमिया के कारण सांस की तकलीफ पैदा हो जाती है, क्योंकि शरीर ऑक्सीजन की कमी की भरपाई करने की कोशिश करती  है।
  • शरीरिक त्वचा पीली : एनीमिया पीली त्वचा का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि त्वचा को उसका रंग देने के लिए लाल रक्त कोशिकाएं जिम्मेदार होती हैं, और लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से त्वचा पीली दिख देने लगती है।
  • सिरदर्द होना : एनीमिया के कारण सिरदर्द होना , खासकर अगर स्थिति गंभीर हो, चिकित्सकीय जांच कराए यह बहुत आवश्यक है ।।

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एनीमिया रोकथाम करने सामान्य उपाय:–

आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का इलाज भोजन मे आयरन पूरक से करें , जो गोलियों, तरल पदार्थों या इंजेक्शन के रूप में  बाजार  एवं  पास ही के  चिकित्सालय में उपलब्ध होते है । आयरन पूरक लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाकर काम करता हैं। इसी प्रकार विटामिन पूरक जो  मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का सहज ढंग से इलाज विटामिन बी 12 और फोलेट पूरक के माध्यम से कर सकता है। ये पूरक अक्सर शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने का काम करता हैं ।। आहार परिवर्तन मतलव भोजन को नियमित रुप बदल बदलकर खाये(Anemia) पूर्व में भी ऐसा करने से  कुछ मामलों में एनीमिया को रोकने में मदद मिली  है।

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