Glaucoma एक जिससे अगर समय पर इलाज न हो तो समय के साथ-साथ आंख की रोशनी कम या अंधेपन का शिकार भी बन सकती है, जाने इसके उपचार
काला मोतियाबिंद एक प्रकार का नेत्र रोगों में जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाते , जो आंख से मस्तिष्क तक दृश्य सूचना प्रसारित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में होता है। आम तौर पर आंख के अंदर दबाव में वृद्धि के कारण होता है ।
काला मोतियाबिंद इसको ग्लूकोमा भी कहते है। यह कई प्रकार होते है ।यह आँखों में समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है, एवं इसके कोई गंभीर लक्षण नहीं होते हैं।।एक अन्य प्रकार के ग्लूकोमा में क्लोज-एंगल ग्लूकोमा भी होता है, जो अचानक आंखों में दर्द , सूजन और मतली,जो जन्मजात ग्लूकोमा जैसे लक्षण आसानी से पैदा कर सकता है, जो जन्म के समय से आपको अंधेपन का शिकार बना सकता है।
#WorldGlaucomaDay is observed to raise awareness about the eye disease known as glaucoma. The blindness caused by glaucoma is irreversible, but if detected early, the disease can be treated. We should get our vision tested periodically to save our eyes. pic.twitter.com/HGXFlmpcvL
— ALL INDIA RADIO आकाशवाणी (@AkashvaniAIR) March 12, 2023
ग्लूकोमा का सबसे आम प्रकार ओपन-एंगल ग्लूकोमा भी होता है ।। इसमें आंख की रोशनी कम होने लगती है। इसलिए जरूरी है कि आप साल में कम से कम एक बार अपनी आंखों की गहनता पूर्ण किसी विशेषज्ञ की देखरेख मे जांच करवाएं एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी दृष्टि में आने वाले किसी भी तरह के परिवर्तन को मापदंड करके उचित सलाह प्रदान करे ।।
आज रात 10 बजे देखिए कार्यक्रम #यूपी_के_शहरों_से के अंतर्गत-
1. ग्लूकोमा – बचाव एवं सावधानियाँ
2. लोकगीत
प्रसारण सिर्फ #डीडी_यूपी पर और लाइव-स्ट्रीमिंग यूट्यूब पर : https://t.co/DR5YnpeBhQ#ग्लूकोमा #glaucoma #लोकगीत #Varanasi pic.twitter.com/j4yXmopM4O— DD Uttar Pradesh(DDUP)डीडी उत्तर प्रदेश(डीडी यूपी) (@DDUttarPradesh) March 3, 2023
जानें काला मोतियाबिंद के लक्षण, कारण और इलाज एवं इसके उपचार
- आंखों में असहनीय दर्द
- मन का मिचलाना
- उल्टी होना
- आंख का लाल
- आंख की रोशनी कम महसूस होना
While anyone can be affected by glaucoma, certain people are at higher risk and should get their eyes checked once a year, says a doctor. | #WorldGlaucomaDay https://t.co/20crZrJpA4
— IE Lifestyle (@lifestyle_ie) March 12, 2023
इसके विभिन्न प्रकार(Glaucoma):-
नॉर्मल ग्लूकोमा – आंख में दबाव नहीं होने के बावजूद ऑप्टिक नर्व को नुकसान होता है. इसका स्पष्ट कारण नहीं पता है. आंखे संवेदनशील होती है, ऑप्टिक नर्व में खून के प्रवाह में कमी की वजह से इस तरह का ग्लूकोमा हो जाता है ,
एंगल-क्लोजर – यह आंख में एक्वेयस ह्यूमर फ्लूइड का प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है तो यहां एकत्रित हुए फ्लूइड आंख पर भयावह, तेज और दर्दनाक दबाव बनने लगता है. यह एक आपातकालीन परिस्थिति होती है , इसके लिए आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना अत्यावश्यक होता है ।
ओपन एंगल – इसमे धीरे-धीरे समय के साथ आंखो की रोशनी कम होने अलावा कोई अतिरिक्त नुकसान नही होता हैं, इसमें आंख की रोशनी इतनी धीरे-धीरे कम हो जाती है एवं अन्य लक्षण दृष्टिगोचर नही होते है , इस समय तक आंखों को इतना गंभीर नुकसान हो चुका होता है ,कि उसकी रोशनी को दुबारा ठीक नहीं किया जा सकता है ।।
कॉग्निटल ग्लूकोमा – जिन बच्चों में जन्मजात उपस्थित होता है ,, उनकी आंखो के कोण में दोष उत्पन्न हो जाता है. जिससे द्रव्य की निकासी नही होती है , इस प्रकार के ग्लूकोमा में बहुत ज्यादा पानी बहना और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता दिखने लगती हैं. यह ग्लूकोमा वंशानुगत होता है.
सेकेंड्री ग्लूकोमा – किसी चोट या मोतियाबिंद या आंख के ट्यूमर जैसे असाध्य रोगो के चलते यह समस्या उत्पन्न होती है. इसमे दवाईयो से ही ठीक किया जाता है ।।
वैश्विक स्तर पर अंधेपन का दूसरा सबसे बड़ा कारण ग्लूकोमा ही है WHO के अनुसार –
सामान्यतः यह व्यक्ति को 55 – 60 वर्ष की उम्र के लोगों में ग्लूकोमा का अधिक खतरा दृष्टिगोचर होता है, एशिया के लोगों में एंगल क्लोजर ग्लूकोमा खतरा कुछ अधिक रहता है, आंखो में सूजन या पतले कॉर्नियां के कारण आंख पर दबाव बढ़ता है एवं आंख में चोट लगने के कारण आंखो पर दबाव बढ़ता जिस कारण यह बीमारी उत्पन्न होती है ।। अनुवांशिक कारणो से भी यह बीमारी हो जाती है ,
एवं जिनके परिवार में डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है या किसी तरह की दिल संबंधित बीमारी हो तो , उनमें ग्लूकोमा का खतरा अधिक प्रबल हो जाता ।।
रोकथाम एवं उपचार:-
काला मोतियाबिंद या ग्लूकोमा के लिए समय समय पर विशेषज्ञ की देखरेख मे उचित परीक्षण करवाना अति आवश्यक है , आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है, यह बात जब और अधिक महत्वपूर्ण होती जब आपकी उम्र , पारिवारिक इतिहास या अन्य कारकों से अधिक खतरे हो। आंखों की नियमित जांच और स्क्रीनिंग ग्लूकोमा का जल्दी पता लगाने में मददगार है , जब उपचार सबसे प्रभावी होता है। एवं ग्लूकोमा बीमारी के इलाज का लक्ष्य इंट्राओक्यूलर प्रेशर माध्यम सें आंखो का होने वाले अतिरिक्त नुकसान को कम किया जा सकता है , सामान्यतः डॉक्टर आईड्रॉप के साथ ग्लूकोमा का इलाज शुरू कर देते है , अगर यह इलाज काम नहीं करता है या अधिक उच्च ट्रीटमेंट की जरूरत महसूस होती है , तो डॉक्टर आपको उचित सलाह मुहैया कराते है ।।
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