सौरभ बंदोपाध्याय को भोपाल रेल मंडल का मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) बनाया गया है। वहीं वर्तमान डीआरएम उदय बोरवणकर नागपुर मेट्रो रेल के कार्यकारी निदेशक होंगे। पिछले कुछ समय से ही बोरवणकर की भोपाल रेल मंडल से विदाई की खबरें आ रहीं थी, लेकिन भोपाल के लिए नया डीआरएम न मिलने से वे नागपुर मेट्रो में एक्सेक्यूटिव डायरेक्टर का पदभार ग्रहण नहीं कर पा रहे थे।
सौरभ बंदोपाध्याय का भोपाल से गहरा नाता है। इनके पिता स्वर्गीय टी. के. बंदोपाध्याय एमएसीटी में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रहे हैं। खुद सौरभ बंदोपाध्याय भी एमएसीटी (वर्तमान में मैनिट) से ही पास आउट हैं।
1990 से रेलवे में सेवाएं दे रहे हैं बंदोपाध्याय :
सौरभ बंदोपाध्याय का भोपाल से गहरा नाता है। इनके पिता स्वर्गीय टी. के. बंदोपाध्याय एमएसीटी में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष रहे हैं। खुद सौरभ बंदोपाध्याय भी एमएसीटी (वर्तमान में मैनिट) से ही पास आउट हैं।
1990 से रेलवे में सेवाएं दे रहे हैं बंदोपाध्याय :
बताया जा रहा है कि सौरभ बंदोपाध्याय 1990 के भारतीय रेल सिग्नल इंजीनिरिंग सेवा के अधिकारी हैं। जो भारतीय रेल के कई मंडलों और उपक्रमों में विभिन्न पदों पर सफलता पूर्वक काम कर चुके है। इन्होंने झांसी मंडल से अपने कैरियर की शुरूआत की थी। रेलटेल कॉरपोरेशन में अपर महाप्रबंधक, भोपाल एवं नागपुर मण्डल में वरिष्ठ मण्डल संकेत एवं दूर संचार इंजीनियर (समन्वय) के पद पर काम कर चुके हैं।
बेहतरीन कार्यक्षमता के कारण हासिल कर चुके हैं गोल्ड मेडल :
बिलासपुर मंडल में अपर मण्डल रेल प्रबंधक के कार्यकाल के दौरान 10000 वैगन प्रतिदिन की लोडिंग का रिकॉर्ड बनाया। इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य जैसे कि गेज परिवर्तन और डबलिंग इत्यादि का 150 किमी का अनुभव है। बंदोपाध्याय वर्तमान में पश्चिम रेलवे मुंबई, में मुख्य संचार इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं । एमडीपी कोर्स में इनके प्रदर्शन और महत्वपूर्ण योगदान के लिए गोल्ड मेडल भी प्राप्त हो चुका है।
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