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श्री हनुमान जी की पूजा का सही समय, जानिए इस समय पवनपुत्र की पूजा क्यों नहीं होती फलदायी

Hanuman Ji

Shri Hanuman Ji: हिंदू धर्म में लगभग सभी देवी-देवताओं की पूजा-पाठ का समय निर्धारित है। माना जाता है कि सही समय पर पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को शुभ-लाभ की प्राप्ति होती है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि Hanuman Ji की पूजा का समय क्या है?

किस समय हनुमान जी की पूजा करना अधिक शुभ फलदायी होगा? यदि यह सवाल आपके मन में भी है तो इसका उत्तर यह है कि Hanuman Ji की पूजा कभी भी सुबह में अथवा शाम के समय करें। दोपहर के समय हनुमान जी की पूजा कभी भी न करें। इसके पीछे एक बड़ी ही रोचक कथा और मान्यता है।

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credit: google

प्रातःकाल में Hanuman Ji का स्मरण

रामचरितमानस के सुंदरकांड में हनुमान जी कहते हैं “प्रात नाम जो लेई हमारा, तेहि दिन ताहि न मिलहि आहारा।” यानी प्रातः काल में जो उनका नाम लेता है उसे दिनभर आहार नहीं मिलता।

असल में Hanuman Ji वानर रूप धारी हैं, और साथ ही देवता भी हैं, और देवताओं का नाम बिना स्नान और पवित्र हुए बिना नहीं लिया जाना चाहिए। इसलिए हनुमान जी का नाम लेना और पूजन करना है तो प्रातः काल स्नान करके पवित्र होने के बाद ही पवित्र भाव से ही उनका नाम लिया जाना चाहिए। ऐसा करने से कोई दोष नहीं लगता और Hanuman Ji की कृपा भी प्राप्त होती है।

संध्या काल: में पूजा

धर्म शास्त्रों में बजरंगबली की पूजा शाम के समय करना शुभ मंगलकारी बताया गया है। ज्योतिषी उपायों में भी कहा गया है, कि रात में 8:00 के बाद घी का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ फलदाई होता है।

हनुमान जन्मोत्सव हो या अन्य सामान्य दिन, शाम के समय Hanuman Ji की पूजा करने से मन में किसी प्रकार का क्लेश और भय नहीं रहता। इसके अलावा प्रतिकूल ग्रह दशाओं से भी व्यक्ति आसानी से निकल जाता है।

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दोपहर में नहीं होती पूजा

मान्यताओं के अनुसार Hanuman Ji की पूजा दोपहर के समय फलीभूत नहीं होती। इस समय की गई पूजा को हनुमान जी स्वीकार नहीं करते। माना जाता है कि दोपहर के समय हनुमान जी भारतवर्ष में नहीं रहते इस समय विभीषण जी को दिए गए वचन के अनुसार हनुमान जी लंका चले जाते हैं इसी वजह से दोपहर में Hanuman Ji की पूजा नहीं की जाती।

जानिए क्या है कारण

रामायण के अनुसार विभीषण जी हनुमान जी से स्नेह रखते थे। उन्होंने Hanuman Ji से आग्रह किया था, कि आप हमारे साथ लंका में ही निवास करें, लेकिन राम भक्त हनुमान भगवान राम से दूर नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्हें उन्होंने लंका में रहने से मना कर दिया, लेकिन उन्होंने विभीषण को एक वचन दिया।

Hanuman Ji ने विभीषण से कहा कि वह नियमित रूप से दिन में दोपहर के समय लंका आएंगे और संध्या के समय वापस चले जाएंगे। शाम के समय हनुमान जी लंका से लौट कर आ जाते हैं, इसलिए शाम के समय हनुमान जी की पूजा करना फलदाई होता है।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि Stackumbrella.In किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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