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Railway Station Redevelopment Project: प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश राज्य में 33 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का किया शुभारंभ

Railway Station Redevelopment Project

Railway Station Redevelopment Project: प्रधान मंत्री मोदी ने सोमवार को मध्य प्रदेश में 33 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की नींव रखी। इस परियोजनाओं की लागत ₹77,000 करोड़ की होगी। साथ ही उन्होंने 133 ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया। सीएम मोहन यादव ने राज्य में Railway Station Redevelopment Projects की आधारशिला रखी।

Railway Station Redevelopment Project के तहत मध्य प्रदेश राज्य के इन 33 रेलवे स्टेशनों का किया गया शिलान्यास

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उन्होंने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्निर्माण की पहल की। मध्य प्रदेश राज्य के जिन 33 रेलवे स्टेशनों का शिलान्यास किया गया है उनमें सीहोर, जबलपुर, बीना, अशोकनगर, खिरकिया, सांची, शाजापुर, ब्यौहारी, बरगवां, नरसिंहपुर, पिपरिया, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, मक्सी, नागदा, नीमच, शुजालपुर, खाचरौद, बालाघाट, छिंदवाड़ा, खंडवा, मंडला किला, नैनपुर, सिवनी, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, बिजुरी, मुरैना, हरपालपुर, दतिया और भिंड शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने किया 1,500 ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का उद्घाटन

Railway Station Redevelopment Project

प्रधानमंत्री ने इस Railway Station Redevelopment Project में 1,500 ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का उद्घाटन और शिलान्यास किया। जिसमे जबलपुर रेल मंडल के लिए दो ओवरब्रिज और भोपाल रेलखंड के लिए चार ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा एवं जबलपुर में एक और भोपाल क्षेत्र में दो अंडरब्रिज बनाये जायेंगे।

ओवरब्रिज, अंडरब्रिज का निमार्ण को रेलमार्ग क्रॉसिंग फाटकों को खत्म करने के लिए बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य में 33 से अधिक रेलवे स्टेशनों के नवीनीकरण की इस परियोजना के लिए प्रधान मंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। इस Railway Station Redevelopment Project की कुल लागत ₹77,000 करोड़ रुपये है।

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मध्य प्रदेश के इन शहरों को किया जा रहा है जुड़वां शहरों के रूप में विकसित

Railway Station Redevelopment Project

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि महिलाओं, युवाओं और कमजोर समूहों के सर्वांगीण विकास के लिए कई कार्यक्रम लागू किए जाएंगे। किसी भी प्रोजेक्ट के लिए पैसों की कमी नहीं है। भोपाल और सीहोर को जुड़वां शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। दोनों शहरों को जोड़कर एक व्यापक परिवहन विकास योजना, आवास परियोजनाएं और रोजगार के अवसर लागू किए जाएंगे। 2047 तक, उज्जैन-इंदौर, उज्जैन-देवास, भोपाल-विदिशा और भोपाल-सीहोर-रायसेन क्षेत्र को जुड़वां शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा।

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