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आयकर विभाग की कार्रवाई का निकला ये ​नतीजा, सराफा कारोबारी Paras jain के पास से मिला…

Paras jain

बता दें ग्वालियर आयकर विभाग ​की जांच-पड़ताल में सराफा और रियल एस्टेट करोबारी Paras jain और उसके रिश्तेदारों के पास ​से बड़ी मात्रा में सोना मिला है।

इस सोने की अनुमानित कीमत लगभग 11 करोड़ बताई जा रही है। लेकिन इसकी एंट्री किसी भी रिकॉर्ड में दर्ज नही है।

इसके अलावा लगभग 50 करोड़ रु. के नगद लेन-देन की भी जानकारी मिली है पर किसी भी लेन—देन का रिकॉर्ड आपकों कही देखने को नही मिलेगा।

कार्रवाई के दूसरे दिन का नतीजा

Paras jain

Credit: google

सराफा कारोबारी मामले में आयकर विभाग की कार्रवाई के दूसरे दिन को Paras jain के अलावा उनके रिश्तेदार के पास से 20 करोड़ की हुंडियां मिली है।

आयकर​ विभाग के सूत्रों के अनुसार इस मामलें में करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई है। साथ ही अगर आयकर विभाग की माने तो पारस जैन मामले के तार पिछली कार्रवाई से जुड़े है।

इससे पहले कुछ अन्य शहरों मे कई बड़े व्यापारियों पर कार्रवाई की गई ​थी। जिसमे काफी बड़ी मात्रा में टैक्स की चोरी का खुलासा सामने आया ​था। माना जा रहा है कि कार्रवाई में पसास जैन के सहयोगी भी शामिल हैं।

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अन्य शहरों मे भी है Paras jain की संपत्तियां-

Paras jain

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पारस जैन और उनके सहयोगियों ने करोड़ों ​की संपत्ति खरीदने मे निवेश किया है। खास बात यह है कि सभी संपत्ति ग्वालियर में ही है। फिलहाल यह बात पूरी तरह साफ नही हुई है कि Paras jain की संपत्ति ग्वालियर से बाहर है या नहीं। इस मामले में आयकर विभाग ने परास जैन की फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों से भी पूछताछ की है।

अन्य जानकारियां

बता दें कि ग्वालियर अंचल के बड़े बिल्डर और व्यवसायी Paras jain और जाने-माने कैटर्स बंटी के यहां सोमवार सुबह आयकर विभाग ने 20 मार्च को छापामार कार्रवाई की। कई ठिकानों पर छापामार कार्रवाई जारी रखी गई।

जैसा कि आप जानते है Paras jain एक बड़े बिल्डर और व्यावसाय कारोबारी है। शहर में उनके टाउनशिप के अनेक प्रोजेक्ट चल रहे हैं। Paras jain और उनका परिवार कई पीढ़ियों से सोने-चांदी का बड़ा कारोबारी भी है।

Paras Jain

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Paras jain के परिवार की बीजेपी से भी नजदीकी मानी जाती है। इसके साथ ही शहर के जाने-माने और मंहगे कैटर्स बंटी कैटर्स के भी घर और ऑफिस पर सुबह आईटी टीम ने दस्तक दी है और दस्तावेजों की छानबीन की।

निष्कर्ष:

ग्वालियर के सराफा कारोबारी के यहां आयकर विभाग को जांच के दौरान ​तीसरे दिन की कार्रवाई मे यह पता चल गया है कि सोना स्थानीय रूप से सराफा कारोबारी Paras jain का नहीं है। लेकिन अगर भविष्य में किसी स्थानीय कारोबारी ने बिल दिखाकर प्राप्त सोने पर किसी प्रकार का दावा किया तो आयकर विभाग उस पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है।

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