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Budget Session: सरकार और विपक्ष के बीच नहीं निकला रास्ता, विपक्ष बोला- गतिरोध खत्म करने की सरकार ने नहीं की पहल

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Budget Session: कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि संसद के मौजूदा बजट सत्र में दोनों सदनों में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया है। ऐसे में अडाणी समूह के मामले में विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग सोमवार को भी करेंगे।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जेपीसी की मांग को लेकर 19 विपक्षी दल एकजुट हैं। सोमवार को भी यह मांग जारी रहेगी।’’

‘समझौते के लिए कोई प्रयास नहीं’

जयराम रमेश ने कहा कि गतिरोध खत्म करने के लिए कोई बीच का रास्ता नहीं निकला है। सरकार और विपक्ष के बीच कोई संवाद नहीं हुआ। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की ओर से एक-एक प्रयास किया गया है, लेकिन सरकार ने किसी समझौते पर पहुंचने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभापति ने राजनीतिक दलों की बैठक में कहा कि रास्ता निकालिये, समझौता करिये। उन्होंने यह नहीं बताया कि समझौते का फार्मूला क्या होगा।’’

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माफी की मांग को लेकर भारी हंगामा

बता दें कि 13 मार्च से शुरू हुए Budget Session के दूसरे चरण के दौरान अभी तक दोनों सदनों ने जम्मू कश्मीर के बजट तथा वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनि मत से मंजूरी दी है। बजट सत्र के दूसरे चरण के शुरुआती कुछ दिनों में सत्ता पक्ष ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में भारत के लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनसे माफी की मांग को लेकर भारी हंगामा किया।

जेपीसी गठित किए जाने की मांग

बाद में सूरत की अदालत द्वारा राहुल गांधी को एक आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद 24 मार्च को लोकसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने की अधिसूचना जारी की गयी। विपक्ष अडाणी मामले में जेपीसी गठित किए जाने की मांग पर Budget Session के दूसरे चरण की शुरूआत से ही सरकार पर दबाव बनाए हुए है।

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राष्ट्रपति के संबोधन से Budget Session की शुरुआत

बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के संबोधन से होती है। राष्ट्रपति संसद के दोनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हैं। इस बार लोकसभा और राज्‍यसभा की संयुक्त बैठक को राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार संबोधित करेंगी। संविधान के आर्टिकल 86 (1) में इसका प्रावधान है।

विस्तार से जानिए बजट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें-

वित्त मंत्री पेश करता है आम बजट

Budget Session के पहले भाग के दौरान, संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। उसके बाद केंद्रीय बजट पर चर्चा होगी, जहां पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे। वहीं केन्द्रीय वित्त मंत्री बजट पर चर्चा का जवाब देंगी। जब भाषण खत्म हो जाता है तब बजट को सदन के समक्ष रखा जाता है। इसके बाद राज्यसभा मे इसे पेश किया जाता है। उस बजट में सरकार द्वारा जितनी अनुदान (Grant) की मांग की गई है राज्यसभा को उन अनुदान मांगों पर कटौती का कोई अधिकार नहीं होता है।

‘आर्थिक सर्वेक्षण’

आर्थिक सर्वेक्षण या इकोनॉमिक सर्वे एक वार्षिक दस्तावेज है जिसे मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण को आम तौर पर बजट प्रस्तुत करने से ठीक एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण में देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था का हिसाब-किताब होता है। इसके द्वारा यह पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है, देश किस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, किस सेक्टर में कितना निवेश हुआ, और आगे क्या-क्या जरूरतें हैं।

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आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर यह तय होता है कि आने वाले साल में देश की अर्थव्यवस्था किस तरह से रहेगी। आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की बेहतर समझ प्रदान करता है, और सरकार आर्थिक सर्वेक्षण का संज्ञान लेकर उसी के अनुसार योजनाओं की घोषणा करती है।

दो चरणों में होता है Budget Session

Budget Session दो चरणों में होता है। इस साल के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से शुरू होगा और 14 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद 14 फरवरी से 12 मार्च तक सामान्‍य अवकाश रहेगा। इस दौरान विभाग संबंधी संसदीय स्‍थायी समितियां अनुदानों की मांग की जांच और अपने मंत्रालयों तथा विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगी। करीब एक महीने के अवकाश के बाद बजट सत्र का दूसरा चरण 12 मार्च से शुरू होगा और 6 अप्रैल तक चलेगा।

विभागीय समितियों द्वारा जांच

बजट पर आम बहस पूरी होने के बाद सदन तीन या चार हफ्तों के लिए स्थगित हो जाता है। इस बजट अंतराल के दौरान संसद कि स्थायी समितियां अनुदान की मांग आदि की विस्तार से जांच-पड़ताल करती है और एक रिपोर्ट तैयार करती है। संसद का वित्तीय नियंत्रण मंत्रालयों पर स्थापित हो सके इसीलिए स्थायी समिति (Standing committees) की व्यवस्था को 1993 में शुरू किया गया था।

धन विधेयक भी होता है पारित

Budget Session के दूसरे भाग के दौरान, इस रिपोर्ट को दोनों सदनों में चर्चा करने के लिए रखा जाता है। बजट सत्र के दूसरे भाग के दौरान, सरकार के विधायी एजेंडे के अलावा विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा पर ध्यान दिया जाता है। सत्र के दूसरे चरण में केंद्रीय बजट, एक धन विधेयक भी पारित किया जाएगा।

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