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हत्या या आत्महत्या: कई सवालों से घिर चुका है संत नरेंद्र गिरि की मौत का मामला, देखें पुलिस का बयान

Narendra giri suicide case: देश में साधुओं का सबसे बड़ा समूह माने जाने वाले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को प्रयागराज के बाघंबरी मठ में मृत पाए गए। पुलिस ने घटना स्‍थल से जानकारी जुटाकर कहा कि संत गिरि की बॉडी के पास से सात पन्नों का ‘सुसाइड नोट’ मिला है जिसमें महंत ने अपने शिष्य और योग गुरु आनंद गिरी के अलावा दो अन्य लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस की एक टीम को हरिद्वार भेजा गया है, जहां आनंद गिरी को हिरासत में लिया गया है।

इसके अलावा नरेंद्र गिरी की दुखद खबर पर प्रधानमंत्री मोदी सहित देश को सभी बड़े नेताओं में शोक प्रकट किया है वहीं सीएम योगी आदित्‍यनाथ खुद उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे, और शोक प्रकट किया साथ सीएम ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई करेगी और दोषियों को बख्‍शा नहीं जाएगा।

रिश्‍तेदार और जानने वालों ने उठाए सवाल:

संत नरेंद्र गिरी की मौत पर उनके मानने ओर जानने वाले लगातार सवाल उठा रहे हैं, उनकी पहचान का हर शख्‍स ये बयान दे रहा है कि ये आत्‍महत्‍या नहीं हो सकती।

  1. दावा किया जा रहा है कि नरेंद्र गिरी लिखना नहीं जानते थे तो उन्‍होनें सुसाइड नोट कैसे लिखा।
  2. सुसाइड नोट में तीन लोगों का नाम तो एफआईआर में सिर्फ आनंद गिरि क्यों और सिर्फ एक को ही क्‍यों गिरफ्तार किया गया?
  3. शिष्‍य आनंद गिरी ने भी बयान दिया कि गुरूजी आत्‍महत्‍या नहीं कर सकते।

लोगों की प्रतिक्रिया:

संत नरेंद्र गिरी की मौत के तुरंत बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त कर रहे हैं। कोई शोक तो कोई उनकी आत्‍महत्‍या पर सवाल उठा रहा है।

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