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मध्य प्रदेश में मंत्री जी ही चढ़ गए बिजली के खम्बे पर और लगा दिया अधिकारियों को झटका

मप्र के ऊर्जा मंत्री पद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) अपनी अनूठी कार्यशैली के कारण लाेगों के बीच चर्चा का विषय बने रहते हैं। शुक्रवार को भी ऊर्जा मंत्री ने कुछ ऐसा काम किया कि जो बाद में लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। दरअसल ऊर्जा मंत्री सुबह अचानक ही मोतीझील स्थित बिजली कंपनी के मुख्यालय पहुंच गए।

यहां पहुंचकर उन्हाेंने अफसरों से शहर में रोजाना हो रही बिजली ट्रिपिंग की घटनाओं का कारण पूछ लिया। मंत्री को सामने देख अफसर अलग-अलग बहाने बनाने लगे। किसी ने उन्हें लोड बढ़ने और पशु पक्षी के कारण ट्रिपिंग की घटनाओं की वजह बता दी। 

इसी दौरान प्रद्युम्न सिंह तोमर की नजर सामने स्थित एक ट्रांसफार्मर पर गई तो उन्होंने वहां चिड़िया के घोसले और पेड़ों की कुछ डालियां देखीं। तो तुरंत अफसरों से इसे लेकर नाराजगी जाहिर कर दी। उन्होंने अफसरों से कहा कि जब मुख्यालय के सामने ऐसी लापरवाही है, तो अन्य जगहों पर क्या हाल होगा? इसे समझा जा सकते है।




सीड़ी मंगवाई और ट्रांसफार्मर पर चढ़ गए मंत्री : 
इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने अफसरों से बांस की सीड़ी मंगवाई और स्वयं ही बिजली के ट्रांसफार्मर पर चढ़ गए। ट्रिपिंग के लिए जिम्मेदार डीपी पर जमीं झाड़ियों और जमा कचरे को हटाया। बकौल ऊर्जा मंत्री इनकी वजह से ही क्षेत्र में अक्सर बिजली सप्लाई बाधित हो रही है। इसके बाद उन्होंने मेंटेनेंस में बिजली कंपनी के अफसरों द्वारा की जा रही लापरवाही पर आम लोगों से माफी मांगी।

मामले में तुरंत ही उन्होंने बिजली की तीनों कंपनियों के साथ ही प्रमुख सचिव और प्रबंध निदेशक को कहा कि प्रदेश में जहां भी ट्रिपिंग की घटनाएं ज्यादा होंगी। वे वहाँ जाकर स्वयं निरीक्षण करेंगे। जहां कचरे, झाड़ियों और पशु पक्षियों के कारण ट्रिपिंग की घटनाएं होंगी, तो वे स्वयं ट्रांसफार्मर पर चढ़ेंगे और जरूरत पड़ी तो अफसरों को भी चढ़वाएंगे। साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो प्रशासनिक सर्जरी भी की जाएगी।   

करंट मारते बिलों पर भी ऐसी ही कार्रवाई करें मंत्री जी : 
प्रद्युम्न सिंह तोमर अपनी इसी तरह की कार्रवाई के कारण लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं। उनके क्रियाकलापों को देखकर आम लोग भी अब मंत्री से मांग कर रहे हैं कि इस तरह से चर्चाओं में रहने से अच्छा है कि प्रदेश की जनता को करंट मारते बिजली के बिलों से राहत देकर अतिरिक्त भार से मुक्त करें। गौरतलब है कि मप्र उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां बिजली की कीमत सबसे ज्यादा है।

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