आबकारी घोटाले मे गिरफ़्तार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अब कोर्ट में ज़मानत याचिका दाखिल की हैं। मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को याचिका दाखिल की हैं। इससे पहले इस मामले पर एक्शन लेते हुए मनीष सिसोदिया इस मामले को सुप्रिम कोर्ट तक ले गए थे। जहाँ से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। सुप्रिम कोर्ट ने मामला दिल्ली कोर्ट में ले जाने को कहा।
ज़मानत की कराई याचिका दर्ज
उपमुख्यमंत्री Manish Sisodiya ने कोर्ट में ज़मानत की याचिका दर्ज कराई हैं। सिसोदिया के वकील द्वारा rauj evenue कोर्ट में बेल की अर्जी दी गई हैं। फ़िलहाल Manish Sisodiya से CBI द्वारा पूछताछ जारी हैं।
28 फरवरी को CBI ने 8 घंटे तक पूछताछ की। दूसरे दिन 27 फरवरी को कोर्ट में पेश करने के बाद सिसोदिया को 5 दिन की हिरासत में भेजा गया।
Manish Sisodiya सुप्रिम कोर्ट तक ले जा चुके हैं मामला
Manish Sisodiya इससे पहले सुप्रिम कोर्ट में इस मामले को लेकर गए थे लेकिन सुप्रिम कोर्ट ने सिसोदिया को दिल्ली कोर्ट जाने को कहा। सुप्रिम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आपको पहले दिल्ली कोर्ट जाना चाहिए।
मामला दिल्ली मे होने का यह मतलब नहीं कि सुप्रिम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए। इतना कह कर सुप्रिम कोर्ट मामला अपने हाथ में लेने से इंकार कर दिया हैं। कहा सुप्रिम कोर्ट इसमे कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।
इनके प्रावधानों के तहत किया गया मामला दर्ज
- धारा 120-बी के तहत आपराधिक साजिश की सजा।
- 477ए के तहत खातों में हेरफेर ।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 सहित भ्रष्ट या अवैध तरीकों से या किसी लोक सेवक को प्रभावित करने के लिए अनुचित लाभ उठाना।
- भ्रष्टाचार और खिलाफ सबूतों को मिटान।
क्या थी आबकारी नीति ?
सरकार आबकारी नीति 2021-22 के अनुसार होटलो , क्लब और रेस्टोरेंट रात के 3 बजे तक खुले रह सकते हैं। खुले में शराब परोसने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। इसके अनुसार शराब की दुकानों पर सरकार का अधिकार नहीं होगा। इसका उद्देश्य स्मगलिंग और बूटलेगिंग को रोकना था। नई पॉलिसी के अनुसार ई-टेंडरिंग के जरिए हर जोन ऑपरेटर के लिए नया L-7Z लाइसेंस अलॉट किया जाना था और कई नये प्रावधान इस नीति मे जारी किये गये थे।
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