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मध्‍यप्रदेश: इंदौर बना भारत का पहला वाटर प्‍लस शहर, देखिए कैसे मिली इतनी बड़ी उप‍लब्धि-

पूरे भारत में सफाई के मामले में नम्‍बर वन शहर बनने के बाद इंदौर को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को अब भारत का पहला ‘वाटर प्लस’ शहर घोषित किया गया है।

“इंदौर के नागरिकों को हार्दिक बधाई क्योंकि यह #स्वच्छ सर्वेक्षण2021 के तहत पहला एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) जल प्रमाणित शहर बन गया है। स्वच्छता के प्रति अपने दृढ़ संकल्प और समर्पण के लिए इंदौर पूरे देश के लिए एक मिसाल रहा है। यह राज्य को गौरव प्रदान करता रहे” मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने एक ट्वीट में कहा।

इंदौर शहर को बुधवार को केंद्र से भारत का पहला वॉटर प्‍लस शहर होने का प्रमाण पत्र मिला। स्वच्छ सर्वेक्षण स्वच्छ भारत मिशन के हिस्से के रूप में भारत भर के शहरों और कस्बों का वार्षिक सर्वेक्षण किया गया था जिसमें इंदौर ने बाजी मारी है।

कैसे मिला इंदौर को ‘वाटर प्लस’ टैग?

इंदौर नगर आयुक्त प्रतिभा पाल ने इंदौर की इस उपलब्धि के बारे में बताया है उन्‍होनें कहा कि “इंदौर ने एक सर्वेक्षण किया और 2 नदियों में 7000  नालों से जाने वाले  गंदे पानी को रोका।” इतना ही नहीं प्रतिभा पाल ने बताया कि शहर के 30 प्रतिशत सीवेज पानी को पुनर्नवीनीकरण और पुन: उपयोग किया गया जिससे की बढ़ती गंदगी को रोका गया। इस पुनर्नवीनीकरण पानी का उपयोग लोग अपने बगीचों और कुछ निर्माण स्थलों में करते थे।”

प्रतिभा पाल ने यह भी बताया कि शहर में 7 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं जिनमें लगभग 110 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन उपयोग किया जा रहा है।

“वाटर प्लस प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देशों के अनुसार शहर में 147 विशेष प्रकार के मूत्रालयों का निर्माण किया गया। इसके अलावा तालाबों, कुओं और सभी जल निकायों की सफाई का कार्य पर भी गंभीर रूप से जोर दिया गया।”

नतीजतन इंदौर पूरे भारत का सबसे स्‍वच्‍छ और प्रदूषण फ्री शहर है।

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