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नुकसान देखकर फ़ायदे की ओर बढ़ाए कदम, चुनाव के 4 दिन पहले लेना पड़ा कांग्रेस को यू-टर्न..

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Karnataka चुनाव में कांग्रेस की ओर से जारी किए गए घोषणा पत्र (Manifesto) में बजरंग दल पर बैन लगाने को लेकर मध्यप्रदेश में भी सियासत तेज हो गई थी। बता दें कि दो दिन पहले कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद अब कांग्रेस ने पलटी मार ली है। वीरप्पा मोईली ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं है। साथ ही फिर से बड़ा सवाल ये उठता है, कि आखिर पार्टी को नियंत्रित कौन कर रहा है और कौन पार्टी के लिए रणनीति बना रहा है।

आखिर क्यों पलटी कांग्रेस पार्टी?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) होने में अब कुछ ही दिन शेष है। इस दौरान Karnataka में भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी लड़ाई बढ़ते जा रही है। इस लड़ाई के बीच कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (PFI) से करते हुए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। बता दें कि यह खासकर मैसूर क्षेत्र की स्थिति को ध्यान में रखकर किया गया था। ओल्ड मैसूर क्षेत्र की 61 सीटों में मुख्यरूप से लड़ाई कांग्रेस और जनता के बीच है। कांग्रेस का ध्यान मुस्लिम वोट को एकजुट करने पर था ताकि यहां जनता दल को सीमित कर बड़ी संख्या में सीटें जीती जा सकें।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) का बड़ा बयान, कहा Karnataka में कांग्रेस सरकार आने पर 80 से ज्यादा हनुमान मंदिर बनवाएंगे। पिछले कुछ दिनों में बजरंग दल पर बैन के कारण काफी बवाल हो चुका है, यही वजह है कि घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने के बाद कांग्रेस की ओर से ऐसे बयान सामने आ रहे हैं।

खरगे के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि कहीं न कहीं विवादों से घिरती कांग्रेस विधानसभा चुनाव में इस मामले से निकलना चाहती है।

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वही दूसरी तरफ एनसीपी (NCP) के लिए आज का दिन अहम, कौन संभालेगा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) की कुर्सी?

शिवकुमार भी पहुंचे हनुमान मंदिर, विपक्ष पर हमला किया

बजरंग दल पर बैन लगाने वाले बयान पर सियासत के जोर पकड़ते ही बीते गुरुवार को कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार मंदिर पहुंच गए। बता दें कि कनकपुरा सीट से प्रत्याशी डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने हनुमान मंदिर में मत्था टेका। जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दर्शन करते हुए पोस्ट भी शेयर की। मंदिर दर्शन के बाद शिवकुमार ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार आने पर हनुमान जी के मंदिरों को विकसित करने की स्कीम चलाई जाएंगी।

डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने मैसूर में चामुंडेश्वरी मंदिर में दर्शन के बाद बीजेपी (BJP) पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘मैसूर और बेंगलुरु के बीच 25 मंदिर हैं। क्या भाजपा नेताओं ने कभी उनकी परवाह की?’ उन्होंने बीजेपी पर भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया। DK Shivakumar ने कहा कि ( Karnataka) कांग्रेस बजरंग दल पर बैन नहीं लगा रही बल्कि कर्नाटक में अंजनेया (हनुमान) मंदिरों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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Karnataka Election में कांग्रेस रह सकती है पीछे..

बता दें कि कांग्रेस के इस (बजरंग दल पर बैन) फैसले से न सिर्फ जनता में बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं में भी क्रोध था, हो सकता है कि बजरंग दल मुद्दे को उछालकर कांग्रेस ओल्ड मैसूर क्षेत्र में कुछ ज्यादा सीटें जीत ले लेकिन बाकी के Karnataka में इसका उल्टा असर अभी से दिखने लगा था। खासकर बेंगलूरू शहर से कांग्रेस के धुलने की आशंका गहराने लगी थी क्योंकि यहां बड़ी संख्या प्रवासियों की भी है।

इस क्षेत्र में ठीक-ठाक मुस्लिम वोट जनता दल एस को मिलता है। पर इस एक क्षेत्र में वोट के चक्कर में कांग्रेस बाकी के कर्नाटक को भूल गई। खासकर तटीय क्षेत्र जहां भाजपा मजबूत है।

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पीएम मोदी ने जताई थी तीखी प्रतिक्रिया..

भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस (Congress) पर जमकर आरोप लगाए। मंगलवार को पूरे प्रदेश में हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना भी तैयार हो गई थी। वही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शनिवार और रविवार (Karnataka Assembly Election) को बेंगलूरू में रोड शो भी आयोजित होने वाला है। दो दिन पहले ही उन्होंने (PM Modi) इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि कांग्रेस के काल मे पहले राम ताले में बंद थे और अब बजरंगबली के भक्तों को जेल में बंद करने की बात हो रही है।

वही इन सभी प्रतिक्रियाओं को देखकर सवाल ये उठता है कि, क्या जनता मंदिर-मस्जिद बनाने पर सरकार चुनती है? और अगर ‘हॉं’ तो इससे देश का विकास कैसे हो सकता है?

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